राफ्टिंग-पैराग्लाइडिंग दो महीने के लिए बैन

By: Jul 17th, 2019 12:05 am

सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने लिया निर्णय; आदेश न मानने वालों पर होगी कार्रवाई, पांच सितंबर के बाद शुरू होगी सहासिक गतिविधियां

मनाली—बरसात का सीजन शुरू होते ही जिला मंे सहासिक गतिविधियों पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी है। सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रख जहां अगामी दो माह तक ब्यास नदी की जलधाराओं में न तो रिवर राफ्टिंग हो पाएगी और न ही पर्यटक यहां की खूबसूरत वादियों में पैराग्लाइडिंग कर सकेंगे। लिहाजा प्रशासन ने 15 सितंबर तक जिला में रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग करने पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने सहासिक गतिविधियों को करवाने वाली एजेंसियों को दो टूक शब्दों में कहा कि किसी को भी आदेशों की धज्जियां उड़ाते देखा गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसे में अगामी दो माह तक कुल्लू-मनाली में न तो रिवर राफ्टिंग हो पाएगी और न ही पैराग्लाइडिंग का लुत्फ  सैलानी उठा पाएंगे। यहां बता दें कि समर सीजन में जहां रिवर राफ्टिंग का करोबार जमकर चलता है, वहीं इस वर्ष पैराग्लाइडिंग के कारोबार ने भी अच्छी रफ्तार पकड़ी है। देश-विदेश से कुल्लू-मनाली घूमने आने वाले सैलानी जहां यहां पहुंच कर उक्त सहासिक खेलों का आनंद उठाते हैं, वहीं बरसात के दिनों में घाटी में साहसिक गतिविधियां करना जान जोखिम में डालने जैसा होता है। ब्यास नदी में जहां इन दिनों लगातार जलस्तर बढ़ रहा है, वहीं घाटी में बरसात के सक्रिय हो जाने से यहां बहने वाले नाले भी उफान पर बहना शुरू हो गए हैं। ऐसे में एक तरफ जहां ब्यास नदी में लगातार जल स्तर बढ़ रहा है, वहीं इस दौरन नदी में रिवर राफ्टिंग करना भी खतरे से खाली नहीं है। लिहाजा प्रशासन ने सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रख 15 सितंबर तक ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग करने पर रोक लगा डाली है। इसी तरह कुल्लू-मनाली के विभिन्न स्थलों पर करवारई जा रही पैराग्लाइडिंग पर भी प्रशासन ने रोक लगाने के आदेश दिए हैं। सहासिक गतिविधियों के लिए अपनी अलग पहचान बना रहा कुल्लू-मनाली जहां हर वर्ष सैलानियों को अपनी और खींच रहा है, वहीं अब अगामी दो माह तक जिला में सहासिक गतिविधियां नहीं हो पाएंगी। जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीसी नेगी का कहना है कि बरसात के जिला में सक्रिय होने से प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। उन्होंन बताया कि जिला में गत एक सप्ताह से मौसम लगातार बदल रहा है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां लगातार बारिश का दौर जारी है, वहीं नालों के उफान पर वहने से ब्यास नदी का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने का कि ऐसे में ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग करवाना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने बताया कि लिहाजा रिवार राफ्टिंग पर 15 सितंबर तक रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रख यह कदम उठाया गया है।

क्या कहते हैँ अधिकारी

इस संबंध में आदेश जारी करते हुए जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीसी नेगी ने बताया कि इस मौसम में ब्यास नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है और इसमें रिवर राफ्टिंग व अन्य साहसिक गतिविधियां खतरे से खाली नहीं होती हैं। बरसात में कुल्लू घाटी में पैराग्लाइडिंग भी काफी खतरनाक हो सकती है। इसलिए जिला में 15 जुलाई से 15 सितंबर तक इन साहसिक गतिविधियों पर पूर्णतयः रोक लगा दी गई है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग आपरेटरों से इन आदेशों की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित करने और 15 सितंबर तक इन साहसिक गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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