रैला के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार 

By: Jul 9th, 2019 12:05 am

कुल्लू —ग्राम पंचायत रैला के अंतर्गत आने वाले विश्व धरोहर ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क जीबा नाला वन परिक्षेत्र के रूपी रैला वाटर फाल के नाम से जाने वाले प्राकृतिक झरने को देखने के लिए आजकल तमाम पर्यटकों का आवागमन शुरू हो गया है। झरने की सुंदरता और उसमें ऊंचे पहाड़ से गिरता पानी इन्हें आजकल अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जून-जुलाई की गर्मी से राहत पाने के लिए लोग यहां आजकल नहाने और गर्मी से बचने के लिए आ रहे है। रूपी रैला वाटर फाल तक तो यातायात की सुविधाएं हंै परंतु इस पंचायत में अनेक ऐसे सुंदर प्रकृति स्थल हैं जो प्रकृति में खुद को समेटे हुए है लेकिन अभी तक यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए न ही सरकार व किसी अन्य विभाग की तरफ  से कोई कदम नहीं उठाया है। रैला पंचायत जहां एक ओर विश्व धरोहर ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क के लिए जानी जाती है, तो दूसरी ओर विश्व के मानचित्र पर इस पंचायत को विद्युत दोहन के लिए जाना जाता है। इसी पंचायत के सिंयूड नामक स्थान पर नेशनल हाइड्रो पाबर कारपोरेशन का 800 मेगावाट की बिजली उत्पन हो रही है।  इस पंचायत में धार्मिक स्थल के रूप में भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर रैला, प्राचीन धल्यारा कोठी, प्राचीन टमुहल कोठी, आशा पुरी मंदिर, रिगू नाग मंदिर व शोचा जोगनी माता शुमार है। वहीं भाटकंडा का सुंदर मैदान रिडिबन, देउ ढुघ थाच, रयलु थाच सोचाधार की मनोहर स्थलों की शांत वादियां सैलानियों से आजकल गुलजार हंै। बाहरी राज्यों से आए सैलानी एल्विन, डेविड, वरुणवीर, जितेंद्र मीणा, अभिनय का कहना है कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता बहुत खूबसूरत है और रूपी रैला वाटर फाल तो बहुत अच्छा है हमने जीभी वाटर फाल भी देखा है, लेकिन ये उसके मुकाबले बहुत ऊंचा और खूबसूरत है। ग्राम पंचायत रैला के लक्ष्मी युवक मंडल के प्रधान दुर्गा धामी, आरयुसी के प्रधान ढाले राम, शिव शक्ति युवक मंडल के प्रधान जीवानंद, नागेश्वर युवक मंडल के प्रधान चुने राम, जगदमनऋषि युवक मंडल के प्रधान भगत राम और ग्राम पंचायत रैला के समस्त जनप्रतिनिधियों ने सरकार व पर्यटन विभाग से इन सभी स्थलों को उभारने की अपील की है।


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