वंडर सीमेंट की तीसरी इकाई शुरु

प्रमुख सीमेंट उत्पादक कम्पनी वंडर सीमेंट ने राजस्थान में निम्बाहेड़ा में अपनी नवस्थापित तीसरी इकाई से उत्पादन शुरु कर दिया है, इसके साथ ही कम्पनी की उत्पादन क्षमता 110 करोड़ टन प्रतिवर्ष हो गई है।मार्बल और ग्रेनाइट के क्षेत्र में विख्यात कम्पनी आर के ग्रुप की वंडर सीमेंट ग्रुप के कार्यकारी निदेशक संजय जोशी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि कम्पनी ने यह उपलब्धि एक दशक में हासिल की है। उन्होंने बताया कि कम्पनी ने निम्बाहेड़ा में वर्ष 2012 में प्रतिवर्ष 30 टन उत्पादन क्षमता की पहली इकाई स्थापित की थी, 40 टन उत्पादन क्षमता की दूसरी इकाई वर्ष 2015 में स्थापित की गई। सीमेंट की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये तीसरी इकाई स्थापित की गई है।श्री जोशी ने बताया कि निम्बाहेड़ा में अब तक कुल 4100 करोड़ रुपये निवेश किया जा चुका है। हाल ही में महाराष्ट्र के धुले में भी 400 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पहली ग्राइडिंग इकाई शुरु की गई है। कम्पनी मध्यप्रदेश के बदनावर और हरियाणा के झझ्झर में ग्राइडिंग इकाईयों की स्थापना के लिये 800 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। उन्होंने बताया कि वंडर सीमेंट के सभी संयंत्र सीमेंट उत्पादन तकनीक में विश्व की शीर्ष जर्मन कम्पनियां थायसेनक्रुप और फीफर लिमिटेड के तकनीकि सहयोग से स्थापित किये जा रहे हैं।श्री जोशी ने कहा कि हालांकि बाजार में मंदी बताई जा रही है लेकिन वंडर सीमेंट की मांग में कमी नहीं आई है। इस वर्ष मांग में आठ प्रतिशत बढ़ोत्तरी का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सीमेंट उद्योग प्रतिस्पर्धी बाजार है, लिहाजा लम्बे समय तक टिकने के लिये गुणवत्ता पर ध्यान देना जरुरी है। इसके मद्देनजर कम्पनी ने लगातार प्रयासों से गुणवत्ता बनाये रखी है। कम्पनी देश की शीर्ष कम्पनियों में शुमार होेने के लिये प्रयासरत है।