वन महोत्सव का औचित्य
रूप सिंह नेगी, सोलन
कई दशकों से वन महोत्सव एक पर्व की तरह मनाया जाता रहा है और हर साल जंगलात महकमा, स्कूल, कालेज, समाजसेवी संगठन एवं अन्य लोगों द्वारा लाखों की संख्या में पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद फारेस्ट एरिया में बढ़ोतरी व हरियाली में इजाफा न हो पाने को दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाना चाहिए। जंगल में बढ़ोतरी न होने व हरियाली में कमी होने के पीछे सड़क निर्माण, भवन निर्माण, पनबजली एवं अन्य विकास योजनाओं के लिए पेड़ों का कटान होना, जंगलों का आग की चपेट में आना आदि कारण हो सकते हैं। नए रोपे गए पौधों की देखभाल एवं संरक्षण न कर पाना भी एक बड़ा कारण हो सकता है, क्योंकि पौधारोपण की महा प्रथा के संपन्न होने के बाद हम उन पौधों की सुध लेना भूल जाते हैं, जिसके फलस्वरूप पौधे सूख जाते हैं और पेड़ बनने से पहले मर जाते हैं। अतः हमें नए पौधों की देखभाल करनी होगी।
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