विस्थापितों पर 20 तक मांगी रिपोर्ट

By: Jul 19th, 2019 12:01 am

शिमला – पौंग बांध विस्थापितों को जमीन के मामले में 20 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी गई है। पिछले सप्ताह बीकानेर में विस्थापितों को जमीन का आबंटन किया गया था। 247 विस्थापितों को वहां पर पट्टे दिए जाने थे, लेकिन उसमें से सिर्फ 101 लोगों को ही पट्टों की अलॉटमेंट हो सकी है। यहां पर भी दो अलग-अलग स्थानों पर लोगों को जमीन मिली है, लेकिन विस्थापित लोग यहां पर बसने में ज्यादा रुचि नहीं रखते, क्योंकि यहां का मौसम उनके माफिक नहीं है। हाल ही में जो लोग वहां गए थे, वह गर्मी से परेशान थे, जिनका मानना था कि वह लोग यहां पर नहीं रह सकते हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव व प्रधान सचिव राजस्व ने हाल ही में हुए आबंटन को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इसमें पृछा गया है कि वहां पर प्लांट आबंटन को लेकर क्या प्रक्रिया अपनाई गई और किस तरह के प्लॉट लोगों को दिए गए हैं। इस पर पूरी रिपोर्ट देखने के बाद मुख्य सचिव स्तर की बैठक होगी। मुख्य सचिव पहले भी बैठक कर चुके हैं, लेकिन अब हाई कोर्ट के निर्देशों पर इस मामले को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसलिए हाई कोर्ट को भी हाल ही की प्रक्रिया से अवगत कराया जाएगा। जिन लोगों को वहां पर अभी प्लॉट मिले हैं, उनकी विस्तृत सूची भी सरकार को भेज दी गई है। अभी आठ हजार से ज्यादा लोगों को वहां पर जमीन मिलनी है, जो सालों से इंतजार कर रहे हैं। इतनी ही संख्या में प्लॉट मिल चुके हैं, लेकिन लोग वहां पर नहीं बस पाए हैं। पहले लोगों को रेगिस्तान व बॉर्डर एरिया में जमीनें दी गई हैं, जिनसे वह खुश नहीं हैं। कइयों ने तो इन पट्टों को वहां पर बेच भी दिया है। बता दें कि राजस्थान सरकार पूरी तरह से हिमाचल के इन लोगों के साथ न्याय नहीं कर रही है। इन मामलों में लोगों के साथ धोखा भी किया गया है। अब अदालत के निर्देशों पर अमल करते हुए सरकारी तंत्र काम में लगा है, लेकिन फिर भी पूरी तरह से मसले सुलझ नहीं पा रहे हैं।

सीएम लेवल पर हो सकती है बातचीत

विस्थापितों को राहत देने के लिए लगाए गए डीसी आर एंड आर की रिपोर्ट जो सरकार को भेजी जानी है, में क्या नए खुलासे होते हैं, यह देखना होगा, क्योंकि उन्हीं मुद्दों को फिर मुख्य सचिव स्तर की वार्ता में उठाया जाएगा। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री स्तर पर भी बैठक हो सकती है जिसकी संभावनाएं भी खुली हैं। क्योंकि वहां पर सरकार बदली हैं, लिहाजा नए मुख्यमंत्री से बातचीत जरूरी है।


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