वीक परिवारों की लड़कियों को टारगेट बना रहे जिस्मफरोशी से जुड़े दलाल

जिला सिरमौर के सीमांत स्थलों को बना रहे निशाना

नाहन -जिस्मफरोशी के मामलों में जिला सिरमौर के सीमांत स्थलों को निशाना बनाया गया है। जिला के सीमांत स्थानों के होटलों में इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। वहीं शनिवार को भी कालाअंब के एक निजी होटल में बाहरी राज्य के अधेड़ द्वारा जिस्मफरोशी का मामला सामने आया है, जिसमंे महिला ही महिला की आबरू का सौदा कर इस अवैध धंधे को बढ़ावा दे रही थी। यही नहीं इस वर्ष जिला सिरमौर मंे विभिन्न थानों मंे सिरमौर पुलिस के क्राइम चार्ट के अनुसार 10 मामले रेप के दर्ज हो चुके हैं। जिस्मफरोशी के मामलों में जिला के ग्रामीण क्षेत्र भी पीछे नहीं हैं। युवतियों के अलावा नाबालिगों को भी ऐसे लोग शिकार बनाने से पीछे नहीं रहे हैं। इस वर्ष तक चाइल्ड लाइन के पास चाइल्ड अब्यूज के 149 मामले 1098 विभिन्न शिकायतों के आए, जिसमें से 10 मामले चाइल्ड के माध्यम से नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के सामने आए। जिस्मफरोशी में नाबालिगों को गर्भवती करने से भी ऐसे लोग नहीं चूके हैं। वहीं चाइल्ड लाइन के माध्यम से पोक्सो एक्ट के तहत ऐसे सभी 10 मामलों में एफआईआर हुई है, मगर नाबालिगों पर ऐसे लोगों द्वारा दबाव बनाकर मामले के रुख ही मोड़ दिए गए, जिसके तहत ऐसे संगीन मामले कानून की सजा से दूर रहे। चाइल्ड लाइन की समन्वयक विनिता ठाकुर ने बताया कि जिस्मफरोशी में युवतियों से लेकर 11 वर्ष से 15 वर्ष तक बच्चियों से भी रेप के मामले सामने आए हैं जिन्हें पुलिस थानों में दर्ज करवाया गया, जबकि सीमांत क्षेत्रों के ठहराव के ठिकानों मंे जिस्मफरोशी दलाली की आड़ में होती रही है, जिसका पुलिस ने समय-समय पर खुलासा भी किया है। ऐसे मामलों मंे अधिकतर महिलाएं ही महिलाओं को जिस्मफरोशी के जाल मंे धकेलने की भूमिका अदा करती रही है। यही नहीं बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण मामलों मंे चाइल्ड लाइन के अनुसार घरों के ही अंदर सौतेले बाप, पड़ोसी और अधेड़ों ने आबरू लूटी है। चाइल्ड लाइन की मानंे तो ऐसे लोग गरीब और कमजोर परिवारों को टारगेट बनाते हैं। प्रलोभन, लालच और दलाली से ऐसे युवतियों और नाबालिगों को जिस्मफरोशी के धंधों में झोंका जाता है।