सड़क किनारे जंग खा रहीं नीली बसों ने पकड़ी रफ्तार

हमीरपुर—एचअारटीसी की लो फ्लोर बसें सड़कों पर दौड़ पड़ी हैं। हमीरपुर डिपो की दो बसें बद्दी व होशियारपुर रूट पर पिछले एक हफ्ते से रुटीन में चल रही हैं। हालांकि निगम की 12 मीटर बसें लांग रूटों में ज्यादा सफल नहीं हो पाई हैं। यही नहीं, बस में सीटों की संख्यां कम होना भी इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है। बता दें कि हमीरपुर डिपो में लो फ्लोर (12 मीटर) बसें हमीरपुर से बद्दी और हमीरपुर से होशियारपुर रूट पर चलाई जा रही हैं। निगम की दोनों बसों को लांग रूट पर चलाया गया है। हालांकि निगम को लो लोर बसों से कोई ज्यादा फायदा नहीं हो पाया है। बस में सिर्फ 34 सीटें ही हैं। ऐसे में निगम 25 फीसदी छूट के चलते बस में सिर्फ सात से आठ यात्री ही अधिक बिठा सकता हैं। निगम को ऐसे में 12 मीटर बस चलाने में कोई फायदा नहीं मिल पाया है। बताया जा रहा है कि दोनों रूटों पर इससे पहले 42 व 47 सीटर बसें चलाई जाती थी। ऐसे में निगम की एक झटके में ही 12 से 14 सीटें कम हो गई हैं। इसके अलावा लो फ्लोर बसों की अधिकतर सीटें आमने-सामने हैं। ऐसे में यात्री उन सीटों पर बैठने से कतरा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो बस में सीटें उलटी होने के चलते अधिकतर यात्रियों का मन खराब हो रहा है। ऐसे में यात्री उलटी सीटों पर बैठने की बजाय खड़े सफर करना ही बेहतर समझ रहे हैं। फिलहाल निगम की 12 मीटर लो फ्लोर बसें सड़कों पर दनादन करके दौड़ रही हैं। पिछले एक-दो वर्षों से सड़क किनारे जंग खा रही बसों ने अब रफ्तार पकड़ना शुरू कर दी है। निगम डिपो में खड़ी बसों को भी जल्द चलाने की तैयारी कर रहा है, ताकि यात्रियों को बस सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। हालांकि निगम में स्टाफ की कमी लो फ्लोर बसें चलाने में रोड़ा बन गई है। अगर हमीरपुर डिपो की बात करें, तो डिपो में रोजाना 169 रूटों पर बसें चल रही हैं। इनका जिम्मा सिर्फ 164 कंडक्टरों के सहारे है, जबकि निगम के दो दर्जन से अधिक कंडक्टर दूसरे पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में निगम चाहकर भी कोई नया रूट नहीं चला पा रहा है।

हमीरपुर डिपो के पास अब 12 मीटर आठ बसें

एचआरटीसी डिपो हमीरपुर की दो लो फ्लोर बसों (12 मीटर) को सरकाघाट डिपो में ट्रांसफर कर दिया है। ऐसे में डिपो में अब 12 मीटर बसें आठ रह गई है, जिन्हें ऊना-धर्मशाला इत्यादि रूटों पर जल्द ही उतारा जा सकता है।