सरकार गिरने के भय से अध्यक्ष इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे : याचिकाकर्ता

By: Jul 16th, 2019 1:57 pm

नई दिल्ली – कर्नाटक के बागी विधायकों ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया कि राज्य की एच डी कुमारस्वामी सरकार के गिर जाने के भय से विधानसभा अध्यक्ष उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं कर रहे। याचिकाकर्ता बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि सभी 10 याचिकाकर्ताओं ने गत 10 जुलाई को इस्तीफा दे दिया है और उनमें से केवल दो को अयोग्य घोषित करने की कार्यवाही के लिए नोटिस जारी किये गये हैँ। उन्होंने दलील दी कि जिन दो विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है, उनमें से एक- उमेश जाधव- का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, जबकि अन्य के लिए दोहरा मानदंड क्यों अपनाया जा रहा है।  उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 190 का हवाला देते हुए दलील दी कि यदि कोई विधायक इस्तीफा देता है तो उसे मंजूर किया जाना चाहिए, भले ही उसके खिलाफ अयोग्य ठहराये जाने की प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं की गयी हो? उन्होंने कहा, “मैं (याचिकाकर्ता) यह नहीं कहता कि हमारे खिलाफ अयोग्य ठहराये जाने की प्रक्रिया निरस्त की जाये, बल्कि यह प्रक्रिया जारी रहे, परन्तु इस्तीफा को दबाकर नहीं बैठा जाये।” श्री रोहतगी ने दलील दी, “मैं विधायक बने रहना नहीं चाहता। मैं दल-बदल नहीं करना चाहता। मैं जनता के समक्ष फिर से जाना चाहता हूं। मुझे वह करने का अधिकार है, जो मैं चाहता हूं। विधानसभा अध्यक्ष हमारे इन अधिकारों का हनन कर रहे हैं।” इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या कम करने के बाद सरकार की अस्थिरता का उल्लेख करते हुए श्री रोहतगी ने कहा, “इस अदालत के समक्ष याचिका दायर करने वाले विधायकों की संख्या कम कर दी जाये तो सरकार गिर जाना तय है। इसलिए अध्यक्ष जान-बूझकर इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं।”

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App