सर! सैलरी का कुछ सोचें

By: Jul 19th, 2019 12:05 am

ऊना—प्रदेश सरकार राज्य के 3400 प्राथमिक सहायक अध्यापक (पैट) कैडर को पूर्व में अस्थायी से नियमित हुए अध्यापकों की तर्ज पर न्यूनतम वेतनमान 10300+4200+भत्ते प्रदान करें। यह मांग राजकीय प्राथमिक सहायक अध्यापक संघ जिला ऊना इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त ऊना के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पे्रषित एक ज्ञापन के माध्यम से उठाई। संघ के जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह ने कहा कि विगत 16 वर्षों से प्राथमिक सहायक अध्यापक प्रदेश की अति दुर्गम प्राथमिक पाठशालाओं में राज्य सरकार की पारदर्शी नीति के तहत जेबीटी के रिक्त पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समय-समय पर इस प्रकार की नियुक्तियां होती रही है, लेकिन केवल मात्र पैट अध्यापकों का ही आज तक नियमितीकरण संभव नहीं हो पाया है। सैकड़ों पैट अध्यापक नियमितीकरण की आशा लिए ही रिटायर हो चुके हंै। उन्होंने कहा कि पैट नियुक्ति के दौरान चयन प्रक्रिया में रोस्टर प्रणाली लागू होने के चलते अधिकांश अध्यापक सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंध रखते है। उन्होंने कहा कि उनका वर्ग लंबे अर्से से अस्थायी से नियुमित हुए जेबीटी अध्यापकों (स्वयंसेवी, विद्या उपासक, ग्रामीण विद्या उपासक) की तर्ज पर न्यूनतम वेतनमान 10300+4200+ भत्ते देने की मांग सरकार से कर रहे हंै, परंतु राज्य सरकार ने हमारी मांग को दरकिनार कर हमारा वेतन 27000 रुपए मासिक फिक्स कर दिया है, जोकि जेबीटी के किसी स्केल के अनुरूप नहीं है। संघ के जिला प्रधान अमरजीत सिंह ने बताया कि पूर्व में पैट अध्यापकों ने समायोजित रह चुके अस्थायी ग्रामीण विद्या उपासक नौ सालों बाद नियमित होकर पैट अध्यापकों के लगभग दो गुणा वेतन ले रहे है। प्रदेश की प्राथमिक पाठशालाओं में पैट अध्यापक भी नियमित अध्यापकों की भांति ही कार्य रहे है, बल्कि कई पाठशालाएं तो राज्य में केवल मात्र पैट अध्यापकों के सहारे ही चल रही है। उन्होंने कहा कि सभी वांशिक योग्यताओं को पूर्ण करने के बावजूद पैट अध्यापकों को समान कार्य के लिए समान वेतन न देकर सरकार इस वर्ग का शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षो तक लगभग सभी पैट अध्यापक सेवानिवृत्ति की आयु को भी पार कर जाएंगे। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य सरकार उनके वर्ग की मांग को मानवीय संवेदना के दृष्टिकोण के आधार पर देखें व उनको न्यूनतम वेतनमान अप्रैल 2019 से प्रदान करने की स्वीकृति दें। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने उनकी मांगों को न माना तो मजबूरन पैट अध्यापकों को संघर्ष की राह अपनानी पड़ेगी। प्रतिनिधिमंडल में संघ के जिलाध्यक्ष दविंद्र सिंह, गगरेट दो खंड से प्रधान राकेश कुमार, ऊना खंड से प्रधान रविकांत, हरोली खंड से प्रधान विजय बैंस, बंगाणा खंड के उपप्रधान सुरेंद्र शर्मा, हरोली खंड कोषाध्यक्ष सुरेश कुमार, बंगाणा खंड सह सचिव राकेश, जोल खंड कोषाध्यक्ष गुरदीप सिंह, ऊना खंड कोषाध्यक्ष विनोद कुमार, गगरेट खंड कोषाध्यक्ष शोभा गुलेरिया, हरोली खंड से राजीव कुमार, मेहर सिंह, जातिंद्र कुमार, गगरेट खंड से शाम सिंह उपस्थित रहे।


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