साहित्य से अनजान, सोशल मीडिया से जान पहचान

By: Jul 10th, 2019 12:05 am

वर्तमान में साहित्य का अपना ही महत्त्व है। साहित्य पढ़ने से व्यक्ति के ज्ञान में भी वृद्धि होती है, लेकिन आज के युवाओं की साहित्य पढ़ने में कम ही रुचि दिखाई दे रही है। युवा ज्यादातर नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी पुस्तकें पढ़ने में ही दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया की ओर से ज्यादार रुख कर रहे हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ की टीम ने साहित्य पढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया के प्रयोग को लेकर युवाओं की राय जानी, तो उन्होंने कुछ इस तरह अपने विचार प्रस्तुत किए।

दीपक शर्मा-चंबा

 पढ़ाई से ही फुर्सत नहीं मिलती

हिमांक का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में पढ़ाई से ही फुर्सत नहीं मिलती। ऐसे में साहित्य पढ़ने के लिए समय निकालना काफी मुश्किल रहता है। हिमांक का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए देश- दुनिया में होने वाली घटनाओं की जानकारी तक ही सीमित हूं।

साहित्य पढ़ने में कोई रुचि नहीं

संतोष कुमार का कहना है कि हिमाचल के किसी लेखक के बारे में जानकारी नहीं है। संतोष का कहना है कि साहित्य पढ़ने को लेकर भी कोई खासी रुचि नहीं है। पाठन केवल प्रतियोगी पुस्तकें पढ़ने तक रह गया है। सोशल मीडिया आज के दौर में हर तरह की घटनाओं व सूचनाओं के लिए सटीक माध्यम है।

सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना पसंद

कपिल भारद्वाज का कहना है कि लेखन कार्य के मामले में वह चंबा के पदमश्री अवार्ड से अलंकृत विजय शर्मा के बारे में जानकारी रखते हैं। कपिल का कहना है कि साहित्य पढ़ने में कोई रुचि नही हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना पंसद है।

समाचार पत्र पढ़ने तक ही सीमित

दया ठाकुर का कहना है कि हिमाचली लेखक कुलदीप चंद व रोशनलाल शर्मा के बारे में जानकारी है, मगर भाग दौड़ की जिंदगी में साहित्य उनके लिए बीते दिनों की बात है। केवल पाठन समाचार पत्रों तक सीमित है। सोशल मीडिया सूचनाएं पाने का एक अच्छा माध्यम है।

 साहित्य में कोई इंटरेस्ट नहीं

उत्तम का कहना है कि चंबा के डा. राजेश सहगल व पद्मश्री विजय शर्मा जैसे लेखकों के बारे में ही पता है। साहित्य पढ़ने में कोई रुचि नहीं है। सोशल मीडिया के जरिए देश व प्रदेश के घटनाक्रमों की जानकारी हासिल करना पंसद है। सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए रोजाना समाचार पत्र भी पढ़ता हूं।

सोश मीडिया सशक्त माध्यम, साहित्य नही

विपिन का कहना है कि चंबा में लेखन व साहित्यक गतिविधियों न होने से कोई खास जानकारी नहीं है। विपिन का कहना है कि सोशल मीडिया सूचनाओं के आदान- प्रदान का एक अच्छा माध्यम है।


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