सीएम बोले, किडनी ट्रांसप्लांट आखिर कब

शिमला—घुटने मंे दर्द की शिकायत लेकर प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आईजीएमसी पहुंचे। वहंा पर आरथो विभाग के डॉक्टर्स ने सीएम का चैकअप किया। दवाएं देकर उन्हंे आराम करने की सलाह दी गई है। इस दौरान सीएम ने किडनी के लिए तैयार किए जा रहे आइसोलेशन वार्ड का भी जायजा़ लिया। उन्हांेने कहा कि किडनी ट्रंासप्लांट आईजीएमसी मंे जल्द से जल्द किया जाए। गौर हो कि अभी हाल की मंे  ढ़ेरों उम्मीदें दिखाने के बाद आईजीएमसी मंे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए भर्ती किया गया मरीज़ ही मौत के मुंह मंे चला गया था। भले ही कारण यह रहा कि उसके लिए न तो डोनर का इंतजाम हो पाया और नहीं एम्स से डाक्टर पहुंच पाए लेकिन आईजीएमसी मंे एक ऐसी उम्मीद हार गई, जो जीवन की आस लगाई बैठी थी। नेरवा से मई माह मंे एक मरीज़ को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ही भर्ती किया गया था, लेकिन किडनी ट्रंासप्लांट को लेकर संबंधित प्रकिया आईजीएमसी मंे पूरी ही नहीं हो पाई थी और उसकी मौत अस्पताल मंे हो गई। गौर हो कि आईजीएमसी मंे किडनी ट्रांस्पलांट के अभी तक शुरू नहीं होने का एक मुख्य कारण डोनर नहीं मिलना सामने आया है। अब यदि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने किडनी डोनर जागरूक कार्यक्र म क ो भी गति नहीं दी तो शायद कोई ही परिवार या कोई ही व्यक्ति किडनी डोनर के लिए सामने आ पाएगा। विशेषज्ञांे का कहना है कि जो किडनी दान देता है उसक ा स्वास्थ्य भी ठीक रहता है लेकिन इसके लिए प्रदेश मंे एक अहम काउंसिलिंग अभियान चलाना भी जरूरी दिख रहा है। मई माह से आईजीएमसी मंे किडनी ट्रंासप्लांट की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन जुलाई माह खत्म होने वाला है, स्वास्थ्य महकमे का यह अहम प्रोजेक्ट अभी तक सिरे ही नहीं चढ़ पाया है। अब भले ही आईजीमएसी प्रशासन इस ओर अपनी पूरी जद्दोजहद कर रहा है लेकिन अभी इसे वास्तिविक तौर पर सफलता हाथ नहीं लग पाई है। जिसमंे अब सीएम ने तेज़ी के निर्देश दिए हैं।