सूखी नहर में पानी तलाश रहे खेत

By: Jul 4th, 2019 12:02 am

गागल से आगे पानी नहीं आने से सैकड़ों बीघा जमीन में धान की रोपाई बाधित, किसानों में सिंचाई के पानी को त्राहि-त्राहि

गागल –भड़याल पंचायत की सैकड़ों बीघा जमीन में इस बार धान रोपाई नहर में पानी नहीं आने के चलते बुरी तरह से बाधित हो गई है। एक तो इस बार अभी तक बारिश नहीं होने से किसान सूखे की मार झेल रहे हैं, वहीं सिंचाई विभाग ने इस बार जुलाई शुरू हो जाने तक भी नहर में गागल से आगे नहर में सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा है, जिससे  चंदयाल, पिपली कठवाड़ी, रथोहा, नड़ोल, मलवाना, नौन, भड़याल, नघरवाड़, हलौड़, टिक्कर, गालिया बेहना व बेहना आदि गावों में धान की रोपाई बाधित हो गई है, जिससे सैकड़ों एकड़ धान खेत में धानरोपाई नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि इन क्षेत्रों में उन्नत धान की अगेती किस्मंे उगाई जाती है, जिनकी रोपाई जून के अंतिम सप्ताह हो जानी अनिवार्य होती है, लेकिन इस बार सिंचाई नहर में विभाग द्वारा पानी नहीं छोड़े जाने से धान की रोपाई नहीं हो पाई है। जिससे विलंब से रोपाई होने पर धान की बालियां पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो पातीं और सूख जाती हैं, जिससे धान की पैदावार पर अत्यधिक विपरीत असर पड़ता है। परिणामस्वरूप किसान को पैदावार मे भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसके चलते यहां का किसान सिंचाई के पानी के लिए त्राहिमाम कर रहा है। टिक्कर के खूब राम जो पूर्व उपप्रधान है और वर्तमान में प्रोग्रेसिव फार्मर हैं, ने बताया कि हर साल इस नहर में पूरे साल पानी की आपूर्ति बनी रहती थी और बरसात के बाद भी नहर को अक्तूबर तक साफ  कर लिया जाता था और समय पर पानी उपलब्ध रहता था, लेकिन इस बार सिंचाई विभाग ने जून महीने तक तो नहर की सफाई ही नहीं करवाई, जिससे नहर मंे लहासे गिरे होने की वजह से पानी नहीं आता था और अब जबकि नहर की सफाई हो गई है तो इसमें गागल से आगे पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे इन गांवों में धान की रोपाई नहीं हो पाई है। वहीं, संत राम, बबलू, नेत्र सिंह, जितेंद्र कुमार, शीला देवी, अमरा देवी, तेज सिंह व खेम चंद आदि ने बताया कि वे हर साल अब तक धान की रोपाई कर लेतेे थे, लेकिन इस बार नहर में पानी नहीं आने के कारण सही समय पर रोपाई नहीं ही पाई है, जिससे धान की पैदावार में कमी होगी। खूब राम ने बताया कि उन्होंने सिंचाई विभाग के एक्सईएन से भी नहर में पानी छोड़े जाने के लिए आग्रह किया, लेकिन उन्होंने बताया कि अभी गागल से पीछे के क्षेत्रों में धान की रोपाई हो रही है, उसके बाद आगे पानी छोड़ा जाएगा।

गैर जिम्मेदाराना जवाब से किसानों में रोष

ग्राम पंचायत भड़याल की प्रधान राधा देवी ने भी बताया की उनकी भूमि भी मलवाना में नहर के साथ लगती है और हर साल आज तक उसमें धान की रोपाई हो जाती थी, लेकिन इस बार सिंचाई विभाग ने नई परंपरा शुरू कर दी है, जिसके चलते सैकड़ों एकड़ भूमि में धान की रोपाई प्रभावित हो गई है। प्रधान ने बताया कि उन्होंने भी इरीगेशन विभाग के एक्सईएन छबील चंद को अपनी पंचायत में सिंचाई के पानी की समस्या को लेकर बात की तो उन्होंने दो टूक उत्तर दिया कि अभी गागल से पीछे धान रोपाई का काम चला है। इसलिए अभी आगे पानी नहीं छोड़ा जा सकता, लेकिन तीन चार दिनों के बाद आगे नहर में पानी छोड़ा जा सकता है। प्रधान ने बताया कि सिंचाई विभाग के इस गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से भड़याल व बैहना पंचायत के सैकड़ों किसानों को इस बार सिंचाई सुविधा से वंचित रहने के कारण धान रोपाई में विलंब से फसल की पैदावार में नुकसान उठाना पड़ेगा, जिसके लिए सिंचाई विभाग ही जिम्मेदार होगा और वह सिंचाई विभाग से किसानों के फसल नुकसान का हर्जाना मांगेंगे। प्रभावित किसानों ने विभाग से अविलंब नहर में टिक्कर बैहना तक पानी छोड़ने का आग्रह किया है।


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