सेना-जनता विवाद मिटाने को चंडीगढ़ में मंथन

By: Jul 24th, 2019 12:02 am

चंडी मंदिर में सैन्य और प्रदेश सरकार के अधिकारियों में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

नाहन —प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे कैंट एरिया के सैन्य प्रशासन व स्थानीय लोगों के बीच विवाद खत्म करने की सरकार की कवायद आगे बढ़ने लगी है। मंगलवार को चंडीगढ़ के चंडी मंदिर स्थित सेना के वेस्टर्न कमांड के अधिकारियों के साथ हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारियों की एक विशेष बैठक हुई। बैठक में उपायुक्त सिरमौर डा. आरके पुरूथी भी उपस्थित हुए। इसमें मुख्य रूप से प्रदेश सरकार की ओर से प्रधान सचिव सैनिक वेलफेयर डा. आरएन बत्ता के अलावा सैनिक कल्याण के निदेशक ब्रिगेडियर एसके वर्मा ने भी हिस्सा लिया। बैठक में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित सेना के साथ जुड़े आठ प्रमुख मुद्दों के अलावा नाहन के सैन्य क्षेत्र में आर्मी व सिविलियन विवाद पर भी चर्चा की हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से आठ मुद्दे चर्चा के लिए रखे गए, जिसमें डोगरा स्काउट बटालियन का नाम बदलकर हिमाचल स्काउट बटालियन किया जाना तथा हिमाचल के लिए अलग से हिमाचल स्काउट बटालियन की प्रोपोजल मुख्य रूप से शामिल है। इसके अलावा हिमाचल में पूर्व सैनिकों के लिए 15 फीसदी आरक्षण को सुनिश्चित करना, प्रदेश के किन्नौर में सेना के असला केंद्र स्थापित करने तथा डलहौजी में गुज्जर हट आदि के मुद्दे चर्चा के लिए रखे गए। इसके अलावा हिमाचल की ओर से सेना में पुरुष जनसंख्या के हिसाब से कोटा निर्धारण, गोपालपुर से पालमपुर तक 772 एकड़ भूमि का अधिग्रहण तथा सैनिक स्कूल सुजानपुर टिहरा का मुद्दा भी चर्चा का विषय रहा। बैठक में सिरमौर जिला का 1970 के दशक से चल रहा आर्मी सिविलियन विवाद भी एजेंडे में शामिल किया गया। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल नाहन के सेना व सिविलियन विवाद को लेकर गंभीर हैं। नाहन के आर्मी क्षेत्र के करीब नौ हजार से अधिक लोगों का जमीन विवाद सरकार व सेना के गले की फांस बना हुआ है।


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