सेब सीजन से पहले ठीक करें सम्पर्क सड़कें

By: Jul 15th, 2019 12:05 am

ठियोग—ठियोग विकास खंड की 50 पंचायतों में सम्पर्क सड़कों की खराब हालत को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि इन दिनों क्षेत्र में सबिज्यों का सीजन जोरों पर लेकिन सड़कों की हालत बेहद खराब है इसलिए इनके लिए धन का प्रावधान किया जाए। जबकि आने वाले सेब सीजन को देखते हुए भी सड़कों को ठीक करवाया जाए। ठियोग प्रधान संघ के अध्यक्ष राजेंद्र चंदेल ने कहा है कि पिछले साल भी बरसात के समय में सेब सीजन के दौरान बागबानों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचायतों या ब्लाक को सम्पर्क सड़कों की मरम्मत के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाए जिससे कि ग्रामीण सड़कों की सही मैनटनेंस होने से किसानों बागबानों को अपने उत्पाद को मंडियों तक पहुंचाने में परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि फागू चियोग टियाली धमांदरी आदि के अलावा अन्य पंचायतों में ग्रामीण सड़कों की हालत खराब है। उन्होंने ये भी कहा कि इसका कुछ क्षेत्र कसुम्पटी डिवीजन में भी आता है लेकिन काफी समय से सड़कों की देखरेख न होने के कारण लोग काफी परेशान है। गत वर्ष भी सेब सीजन को लेकर सडकों की रिपेयर तथा मेंटेनेंस के लिए ठियोग विकास खंड कार्यालय की 50 पंचायतों से 170 सड़कों की सूची जिलाधीश शिमला को सौंपी गई थी लेकिन धन का प्रावधान न होने पर किसानों बागवानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कई जगह लोगों ने अपने पैसे देकर जेसीबी लगाई थी। इनके अलावा जन प्रतिनिधियों का भी यही कहना है कि हर साल सड़कों की रिपेयर के लिए जिला प्रशासन को लिस्ट सौंप दी जाती है लेकिन इसके लिए धन का कोई प्रावधान नहीं किया जाता है। ठियोग ब्लाक ठियोग के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर ऐसी सडकें हैं जो ब्लाक स्तर पर बनी है और इनमें से अधिकतर ऐसी सडकें हैं जहां पर वाहनों की आवाजाही बेहद मुश्किल है और ऐसी सडकों में सेब सीजन तथा बरसात में सड़क दुर्घटनाएं भी अधिक घटती है लोकनिर्माण विभाग ऐसी सडकों की देखरेख नहीं करता जब तक ऐसी सडकें विभाग के अधीन नहीं आ जाती लेकिन ब्लॉक स्तर पर बनी इन सडकों के लिए सरकार तथा जिला प्रशासन अन्य पंचायतीराज संस्थाओं के माध्यम से धन जुटाकर ब्लाक इन सड़कों की देखरेख करता है।

आखिर क्या है समस्या

ठियोग में अधिकतर सड़कें ब्लाक स्तर पर बनी है और इन सड़कों से ही ग्रामीण क्षेत्रों में सेब व सब्जियोें को ढोया जा रहा है। लेकिन समस्या यह भी है कि ये सड़कें लोक निर्माण विभाग के तय मापदंडों को पूरा नहीं करती है जिस कारण इनकों पास नहीं किया जा रहा है और ऐसे में इन सड़कों मंे यदि कोई दुर्घटना घटती है तो बागबानों को उसका मुवावजा नहीं मिलता है जो कि बागबानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है और इस कारण कई बार बागबानों को लाखों का नुकसान झेलना पडता है। ऐसी सड़कों में यदि कोई घटना घटती है तो सरकार को भी ऐसे समय में मुवावजा देना चाहिए।


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