स्पीकर के पाले में गेंद

By: Jul 12th, 2019 12:05 am

रमेश बोले; संविधान के मुताबिक करूंगा फैसला, सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा वीडियो

बंगलूर – कर्नाटक में जारी सियासी उठापटक के बीच विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को कहा है कि वह पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्त्तव्य निभा रहे हैं। कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों के साथ मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि धीमी सुनवाई के आरोपों से वह दुखी हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी बागी विधायक ने मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा था। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है। मैंने सारी चीजों की वीडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा। स्पीकर ने कहा कि मेरा काम किसी को बचाना या किसी को निकालना नहीं होता है। मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कर्त्तव्य निभा रहा हूं। इससे भाग नहीं रहा हूं। मैंने कर्नाटक विधानसभा के नियम 202 के अनुसार सोमवार को सभी इस्तीफों की जांच की। आठ फॉर्म निर्धारित फॉर्मेट में नहीं थे। बाकी के बारे में अभी यह देखना है कि क्या ये इस्तीफे स्वैच्छिक और वास्तविक हैं। मैं पूरी रात इन इस्तीफों की जांच करूंगा और यह पता लगाऊंगा कि क्या ये वास्तविक हैं। स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि विधायकों ने मुझसे कोई बात नहीं की वे सीधा गवर्नर के पास दौड़ गए। वे क्या करते? क्या यह दुरुपयोग नहीं है? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया। मेरा दायित्व देश के संविधान और इस राज्य के लोगों के प्रति है। मैं देरी कर रहा हूं, क्योंकि मैं इस मिट्टी से प्यार करता हूं। मुझे जल्दबाजी में काम नहीं करना। सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है। मैंने सारी चीजों की वीडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा।

सरकार बची रहेगी, अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार

बंगलूर – कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कर्नाटक कैबिनेट ने सरकार के बचे रहने की बात कही है। सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के चलते सरकार अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। ऐसे में राज्य कैबिनेट की गुरुवार को बैठक हुई, जिसमें स्थिति का साहस और एकजुट होकर सामना करने की प्रतिबद्धता जताई गई। कैबिनेट की ओर से यह विश्वास व्यक्त किया गया कि सरकार बची रहेगी। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में हुई। इसमें कहा गया कि यदि विपक्षी बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो वह उसका सामना करने को तैयार हैं। ग्रामीण विकास मंत्री कृष्ण बी गौड़ा ने कहा कि राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई और जो चर्चा एवं निर्णय किया गया वह यह था कि चूंकि सरकार संकट की स्थिति में है, इसको लेकर कोई संदेह नहीं है। इसके विभिन्न कारणों और उसे सुलझाने के कदमों पर भी चर्चा गई।

नए सिरे से सौंपेंगे इस्तीफा

कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों ने गुरुवार को कहा कि वे अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को नए सिरे से अपना इस्तीफा सौंपेंगे। विधायकों ने इस बात पर जोर दिया कि वे अब भी कांग्रेस में हैं और सिर्फ विधानसभा की सदस्यता से उन्होंने इस्तीफा दिया है। विधायकों ने इस पूरे प्रकरण में बीजेपी की भूमिका से इनकार किया है। बंगलूर में केआर पुरम से कांग्रेस विधायक बीए बसवराज ने मुंबई में कहा कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने हमें नए सिरे से त्यागपत्र सौंपने का निर्देश दिया है, इसलिए हम वहां जा रहे हैं। हमारे फैसले में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि इन इस्तीफों के पीछे भगवा पार्टी का हाथ है और बीजेपी नीत महाराष्ट्र सरकार उनकी मदद कर रही है।

ममता बोलीं, भाजपा के प्रयासों के आगे न झुकें कुमारस्वामी

नई दिल्ली – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से बात कर उनसे अपने रुख पर अडिग रहने और भाजपा के प्रयासों के आगे नहीं झुकने को कहा। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों और विधायकों के भाजपा में शामिल होने से खुद भी दलबदल के संकट से जूझ रहीं ममता ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को फोन करके उनसे राज्य के राजनीतिक संकट पर बात की। बातचीत के दौरान ममता ने संसद में विपक्षी दलों द्वारा प्रदर्शन के बारे में बताया।

गोवा में कांग्रेस के दस बागी विधायकों ने थामा कमल

नई दिल्ली – गोवा के दस कांग्रेसी बागी विधायक गुरुवार को औपचारिक तौर पर बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की मौजूदगी में सभी विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। बता दें गोवा में एक बहुत बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा ने कांग्रेस में जबरदस्त सेंध लगाते हुए उसे दो फाड़ कर दिया और नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस के दस विधायकों को अपने में शामिल कर लिया। कांग्रेस के राज्य में 15 विधायक थे। अब पांच बचे हैं। अब राज्य विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 17 से बढ़कर 27 हो गई है।


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