स्वारघाट… खुले में फेंका जा रहा कूड़ा, लोग तंग

स्वारघाट—एक तरफ  जहां सरकार और प्रशासन द्वारा स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है तो वहीं प्रदेश का प्रवेशद्वार कहे जाने वाले स्वारघाट कस्बे में इन दिनों गंदगी का साम्राज्य कायम है। कस्बे के पुलियों, नालियों और रास्तो में फैली गंदगी और दुर्गंध स्वच्छता अभियान को ग्रहण लगा रही है। आलम यह है कि दुर्गंध से दुकानदारों और राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है। हालांकि प्रशासन ने स्वारघाट कस्बे से कूड़ा उठाने के लिए ट्राली सिस्टम शुरू किया है और सफाई कर्मी भी तैनात कर रखे हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा स्वच्छता योजना कर के तहत 120 रुपए से लेकर 500 रुपए स्थानीय दुकानदारों से इकट्ठे किए जाते हंै, लेकिन इसके बावजूद स्वारघाट में पुलियों, नालियों और रास्तों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। इससे व्यवस्था पर सवालिया निशान उठना लाजिमी हैं। वहीं, मतनोह-मंझेड़ सड़क किनारे कूड़े के लिए बनाई गई डंपिंग साइट पर भी कूड़े का सही ढंग से निष्पादन नहीं हो रहा है। डंपिंग साइट पर कूड़ा खुले में फेंका जा रहा है। इससे हर समय आवारा पशुओं व बंदरों का यहां जमावड़ा लगा रहता है। खुले में फेंके जा रहे कूड़े से जहां पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है तो वहीं कस्बे की सुंदरता को भी ग्रहण लग रहा है। खुले में फेंकी गई गंदगी से होने वाले रिसाब से ग्रामीणों के पेयजल स्रोत भी दूषित हो रहे हैं। स्वारघाट आबकारी एवं कराधान विभाग के बहु-उद्देश्यीय पड़ताल नाके के समीप बनी पुलियां गंदगी से भरी पड़ी हंै और आगे कूड़े के ढेर लगे होने से बंद हैं। इस पुलियां के नीचे की तरफ  बिजली बोर्ड का कार्यालय, 33/11 केवी बिजली का सब-स्टेशन, आईपीएच और लोक निर्माण विभाग के कार्यालय हैं और ऊपर की तरफ  दुकानें और रिहायशी मकान हैं। यहां कूड़े कचरे और गंदे पानी से निकलने वाली दुर्गंध हर समय आती रहती है। वहीं, गंदगी से मक्खी, मच्छर पनप रहे हैं, जिससे बरसात के इस मौसम में जलजनित रोगों के फैलने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता। शाम के समय दुकानदारों को काम करना भी मुश्किल हो जाता है वहीं डेंगू, मलेरिया जैसी जानलेवा  बीमारियां फैलने का भी खतरा है।

क्या कहते हैं स्थानीय दुकानदार

कस्बे के स्थानीय दुकानदारों देवेंद्र कुमार, चमन लाल, रोहित और रविंद्र कुमार आदि ने प्रशासन से यहां पर डीटीटी का छिड़काव करने और कूड़े के निष्पादन की उचित व्यवस्था करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि अगर सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं तो वे स्वच्छता योजना कर की रसीद नहीं कटवाएंगे।