स्वारघाट में खोला जाए डिग्री कालेज

स्वारघाट —जिला बिलासपुर का स्वारघाट कस्बा अभी तक  प्रशासनिक व शैक्षणिक इकाई के रूप में पूर्ण रूप से संगठित नहीं हो पाया है। हालांकि स्वारघाट को प्रशासनिक व शैक्षणिक इकाई के रूप में विकसित करने के लिए काफी प्रयास हुए हैं, लेकिन वे पर्याप्त नहीं है। स्वारघाट क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्राप्त करने के लिए कालेज नहीं खोला गया है। नयनादेवी में जहां पहले से ही एक कालेज था सरकार ने वहां दूसरा कालेज खोल दिया है, जिससे स्वारघाट क्षेत्र की जनता में काफी रोष है। बता दंे कि स्वारघाट में कालेज न होने से यहां के ज्यादातर बच्चे विशेषकर लड़कियां जमा दो की पढ़ाई के बाद उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती  हैं, तो कुछ बच्चों को न चाहते हुए भी स्वारघाट आईटीआई में दाखिला लेना पड़ता है। जहां पर केवल मात्र इक्लेक्ट्रॉनिक मैकेनिक और स्विंग टेक्नोलॉजी दो ही ट्रेड है। कालेज न होने से आर्थिक रूप से संपन्न लोग ही बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए 26 से 40 किलोमीटर दूर नयना देवी, नालागढ़ या बिलासपुर के  कालेजों में भेज देते हैं, जबकि गरीबों के बच्चे चाहकर भी उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते हैं। स्वारघाट क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों पूर्व बीडीसी चेयरमैन राममूर्ति धर्माणी, कृष्ण कुमार, शशिपाल, निर्मल ठाकुर, जगरनाथ अनिल, पंकज, श्याम, बालकृष्ण, सुभाष, दलीप, लखविंद व रामपाल आदि ने बताया कि क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 40 किलोमीटर दूर बिलासपुर, 35 किलोमीटर दूर  नालागढ़ या 26 किलोमीटर दूर नयनादेवी जाना पड़ता है। स्वारघाट क्षेत्र के 30 से 40 किलोमीटर के दायरे में सरकारी कालेज तो दूर कोई निजी कालेज भी नहीं है और न ही कोई निजी कालेज है, जिसके चलते उच्च शिक्षा प्राप्त  करना स्वारघाट क्षेत्र के बच्चों  के लिए एक सपना बनकर रह गया है। खासतौर पर छात्राओं और गरीब वर्ग के बच्चों  को बारहवीं पास करने के बाद अपनी पढ़ाई मजबूरी में छोड़नी पड़ रही है। बता दें कि स्वारघाट क्षेत्र के लोग और अभिभावक लंबे समय से स्वारघाट में कालेज खोलने की मांग  करते आ रहे हैं, लेकिन आज दिन तक उनकी मांग की अनदेखी हुई है। उपरोक्त लोगो ने स्वारघाट में डिग्री कालेज खोलने की मांग की है, ताकि क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए परेशानियों का सामना न करना पड़े।