हिमाचल के पास 599 लाख यूनिट बिजली
104 लाख यूनिट बोर्ड के प्रोजेक्टों में हो रही तैयार, बोर्ड बेच रहा 123 लाख यूनिट
शिमला – हिमाचल प्रदेश के पास 599 लाख यूनिट बिजली उत्पादित हो रही है। इन दिनों यहां पर बिजली का उत्पादन चरम पर है। नदियों व खड्डों में पानी की मात्रा काफी ज्यादा है, जिससे सभी प्रोजेक्ट अपना पूरा उत्पादन कर रहे हैं। राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के पास रोजाना 599 लाख यूनिट बिजली आ रही है, जिसमें स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों का भी अहम रोल है। छोटे ऊर्जा उत्पादक 66 लाख यूनिट बिजली रोजाना पैदा कर रहे हैं। इनके अलावा सेंट्रल सेक्टर के प्रोजेक्टों से राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 350 लाख यूनिट बिजली मिल रही है। बसपा परियोजना से बोर्ड को 79 लाख यूनिट बिजली रोजाना मिल रही है वहीं बोर्ड के अपने पावर हाउसों से 104 लाख यूनिट रोजाना की बिजली पैदा हो रही है। इन दिनों प्रदेश को बिजली की कोई कमी नहीं है बल्कि वह दूसरे राज्यों को देकर उनकी जरूरत को भी पूरा कर रहा है। इसके अलावा बिजली को दूसरे राज्यों को बेचा भी जा रहा है। हिमाचल की बिजली की अपनी डिमांड 285 लाख यूनिट है , जो आसानी से पूरी हो रही है, वहीं 210 लाख यूनिट बिजली दूसरे राज्यों को बेची भी जा रही है। सरकारी क्षेत्र की 123 लाख यूनिट बिजली अलग से है] जिसे दूसरे राज्यों को बेचा जा रहा है। यह निजी परियोजनाओं में हिस्सेदारी की बिजली होती है। मार्केट में बिजली का रेट फिलहाल ठीक चल रहा है। तीन से चार रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। सर्दियों के दिनों में प्रदेश में बिजली की खासी कमी हो जाती है जिसे देखते हुए बैंकिंग की व्यवस्था भी हो रही है। पिछले साल यहां पर लंबा ड्राई स्पैल रहा है, जिसकी एवज में दूसरे राज्यों से प्रदेश बिजली बोर्ड ने बिजली लेकर अपनी जरूरतों को पूरा किया। इस बिजली को पिछले महीने तक ही वापस लौटा दिया गया था, जिसके बाद अब अगली सर्दियों के लिए भी इंतजाम हो रहा है। इसके तहत दिल्ली की दो कंपनियों को बैंकिंग प्रणाली में बिजली दी जा रही है वहीं हरियाणा और उत्तर प्रदेश को भी बिजली पहुंचा रहे हैं जिनसे सर्दियों में हिमाचल बिजली वापस लेगा ताकि उन दिनों में उसकी जरूरत पूरी की जा सके।
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