हिमाचल में शिक्षा पर नजर रखेगा एजुकेशन कमीशन

शिमला —नई शिक्षा नीति के तहत हिमाचल में एजुकेशन कमीशन का गठन होगा। एजुकेशन कमीशन के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। सरकार व शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति में इस नियम को अपनाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार केंद्र से मंजूरी के लिए प्रोपोजल भेजने की तैयारी में भी है। बता दें कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए ब्रिटिश काल में कई कमीशन गठित किए थे। उस वक्त वोकेशनल शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया गया था, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। फिलहाल हिमाचल में भी इसी आधार पर एजुकेशन कमीशन का गठन किया जाएगा। अहम यह है कि नई शिक्षा नीति में पहले से ही नेशनल एजुकेशन कमीशन गठन करने प्रावधान था। केंद्र की ओर से सभी राज्यों को अपने लेवल पर स्टेट एजुकेशन कमीशन गठन करने का विचार करने के निर्देश दिए गए थे। यही वजह है कि हिमाचल ने कमीशन के गठन को लेकर प्लान बनाया है। एजुकेशन कमीशन में बेटियों के लिए स्कूलों में कई वैकल्पिक विषय पढ़ाने की योजना प्रदेश सरकार की ओर से बनाई गई है। इसके साथ ही कृषि शिक्षा को भी बढ़ावा देने का प्लान सरकार का है। अगर हिमाचल में एजुकेशन कमीशन का गठन हो जाता है, तो शिक्षा से जुड़े सभी फैसले कमीशन के अंतर्गत ही होंगे। वहीं, सरकारी व निजी शिक्षा पर भी कमीशन ही नजर रखेगा। सूत्रों की मानें तो एजुकेशन कमीशन के गठन के बाद हर स्कूल में तीन अध्यापक  होना जरूरी किया जाएगा। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्तियां नियमित तौर पर की जाएंगी। एजुकेशन कमीशन में चौदह साल तक छात्रों को फ्री एजुकेशन की सुविधा देने का भी प्रावधान है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि अगर प्रदेश में एजुकेशन कमीशन का गठन हो जाता है, तो सबसे बड़ा फायदा यह रहेगा कि प्री-नर्सरी में फंसे शिक्षा विभाग से जुड़े फैसले भी कमीशन केंद्र की परमिशन के बिना ही ले सकता है। इसी तरह कमीशन के गठन होने के बाद निजी शिक्षण संस्थानों पर नजर रखना का कार्य भी कमीशन के अंर्तगत ही किया जाएगा। राज्य में अगर स्टेट ऐजुकेशन कमीशन का गठन हो जाता है तो शिक्षकों की ट्रांसफर से जुड़े मुद्दे भी सीधे तौर पर इसी में आ जाएंगे।

केंद्र से मांगेंगे वक्त

शिक्षा विभाग के अनुसार सरकार केंद्र से नई शिक्षा नीति को लेकर और समय मांग सकती है। नई शिक्षा नीति का पूरा ड्राफ्ट हिमाचल में अभी न बनने  के कारण ही शिक्षा मंत्री एमएचआरडी से अतिरिक्त समय मांगेंगे। बता दें कि केंद्र ने 31 जुलाई तक हिमाचल को सुझाव देने के आदेश दिए थे।