24 घंटे चलेंगे परवाणू-जड़ोल एप्पल प्रोसेसिंग सेंटर

By: Jul 24th, 2019 12:15 am

सेब बागबानों को नुकसान से बचाने के लिए प्रदेश सरकार की पहल

 शिमला-एमआईएस में सेब के कारोबार को नुकसान से बचाने के लिए इस बार सरकार शुरुआत से विशेष प्रयास करेगी।  इसके लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इस बार परवाणू और जड़ोल में मौजूद एचपीएमसी के एप्पल प्रोसेसिंग सेंटर को 24 घंटे चलाने को कहा गया है। ऐसा इसलिए है, ताकि खरीदे गए सेब को बर्बादी से बचाया जा सके। हर साल एचपीएमसी जो सेब बागबानों से खरीदता है, उसमें अधिकांश सेब खराब हो जाता है। इसके कई कारण हैं, जिन्हें जानने के बाद अब सरकार उन कमियों को दूर करने की कोशिश में है। परवाणू और जड़ोल में एमआईएस का जो सेब स्टोर किया जाएगा, पहले उसकी प्रोसेसिंग होगी और सुनिश्चित करेंगे कि वह सेब खराब होने से पहले ही इस्तेमाल कर लिया जाए। इसके बाद जैसे-जैसे सेब आएगा, उसकी प्रोसेसिंग का काम भी चलता रहेगा। पहले ही यह कह दिया गया है कि सेब के प्रापण केंद्रों में   गला-सड़ा सेब बोरी में नहीं रहना चाहिए, जहां पर इसका पूरा निरीक्षण करने के बाद ऐसे सेब को निकाल लिया जाएगा। बताया जाता है कि बागबानी विभाग अगले साल ठियोग की पराला मंडी में भी सेब का प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित करेगा। एचपीएमसी को यह काम सौंपा जाएगा। यहां पर काफी जगह है जहां सेब की प्रोसेसिंग यूनिट लग सकती है। इसके अलावा ऊपरी शिमला में ही कुछ अलग-अलग क्षेत्रों में छोटे-छोटे प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किए जाएंगे। जैसे खड़ा पत्थर, चौपाल, खिड़की जेसे स्थानों पर भी ऐसे केंद्र स्थापित करने की सोची गई है। यहां पर चौपाल व खिड़की में विभाग के पास अपनी काफी जमीन है, लिहाजा यहां जमीन लेकर कोई दिक्कत नहीं आएगी। इन क्षेत्रों में प्रोसेसिंग यूनिट लगने से वहां के खरीदे हुए सेब को वहीं पर प्रोसेस कर दिया जाएगा, जिससे कई तरह के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। राज्य में निजी क्षेत्र में भी 23 प्रोसेसिंग सेंटर चल रहे हैं, जिनको भी प्रोत्साहित करने के बारे में सरकार ने सोचा है। 


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