अब अयोध्या विवाद भी होगा हल? आज से सुप्रीम कोर्ट में रोज सुनवाई

By: Aug 6th, 2019 10:49 am

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद आज से सुनवाई (IANS)

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट आज से रोजाना सुनवाई करेगा. मध्यस्थता को लेकर नियुक्त की गई समिति के किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आयोध्या विवाद में 6 अगस्त से रोज सुनवाई करने का आदेश दिया.

मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 6 अगस्त से सुनवाई होगी. साथ ही कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कमेटी कामयाब नहीं हो पाई. मंदिर विवाद पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच आम सहमति बनाने के लिए अयोध्या मध्यस्थता पैनल को 31 जुलाई तक का समय दिया गया था.

बीते गुरुवार  यानी 1 अगस्त को मध्यस्थता समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी थी और फिर शीर्ष कोर्ट ने बताया कि मध्यस्थता समिति के जरिये मामले का कोई हल नहीं निकाला जा सका है.

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने बंद कमरे में कहा, “विवाद को लेकर मध्यस्थता के लिए बनाई गई समिति किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है. इसलिए इस मामले पर 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई शुरू की जाएगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा था कि अगर आपसी सहमति से कोई हल नहीं निकलता है तो मामले की रोजाना सुनवाई होगी.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि इस मामले में मध्यस्थता की कोशिश सफल नहीं हुई है. समिति के अंदर और बाहर पक्षकारों के रुख में कोई बदलाव नहीं दिखा. कोर्ट ने अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में गठित मध्यस्थता कमेटी भंग करते हुए कहा कि 6 अगस्त से अब मामले की रोज सुनवाई होगी. यह सुनवाई हफ्ते में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को होगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को पूर्व जज जस्टिस एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति गठित की थी. कोर्ट ने कहा था कि समिति आपसी समझौते से सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश करे.

इस समिति में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू शामिल थे. समिति ने बंद कमरे में संबंधित पक्षों से बात की लेकिन हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट के सामने निराशा व्यक्त करते हुए लगातार सुनवाई की गुहार लगाई. 155 दिन के विचार विमर्श के बाद मध्यस्थता समिति ने रिपोर्ट पेश की और कहा कि वह सहमति बनाने में सफल नहीं रही है.


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App