अब प्राथमिक स्कूलों के छात्र पढ़ेंगे संस्कृत

By: Aug 13th, 2019 12:03 am

शिमला — संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य पर सोमवार को गेयटी में संस्कृत अभिनंदन समारोह का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

शिमला  – प्रदेश में संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाया जाएगा। शिमला में संस्कृत अभिनंदन कार्यक्रम में प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के सभी विभाग को ये निर्देश दिए कि इस ओर गंभीरता से काम किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों में संस्कृत भाषा को पढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने शिमला में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में संस्कृत भाषा को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि संस्कृत भाषा को पुनः उचित स्थान प्राप्त हो सके। संस्कृत भाषा को राज्य की दूसरी भाषा घोषित करने के लिए सप्ताह भर चलने वाले संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य पर आयोजित संस्कृत अभिनंदन समारोह में उन्होंने कहा कि इस समारोह का आयोजन हिमाचल राज्य संस्कृत शिक्षा परिषद, हिमाचल संस्कृत अकादमी, हिमाचल संस्कृति एवं कला अकादमी व संस्कृत भारती हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत को प्राचीन भारत में ‘देवभाषा’ व देवताओं की भाषा के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य के कोष में कविता और नाटक के साथ-साथ वैज्ञानिक, तकनीकी, दार्शनिक और धार्मिक गं्रथों से भरपूर है।  संस्कृत भारत ट्रस्ट के उत्तरी जोन के कार्यकारी सचिव जय प्रकाश ने कहा कि संस्कृत किसी एकमात्र संप्रदाय की भाषा नहीं है, बल्कि एक ऐसी भाषा है, जिसे विश्व की प्राचीन भाषा होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि देश में 17 संस्कृत विश्वविद्यालय हैं और शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश में एक और विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इस अवसर पर संस्कृत भाषा के कई विद्वानों ने इस भाषा के इतिहास के महत्व पर प्रकाश डाला। हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त तथा उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत कुमार शर्मा भी अन्य सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।

जल्द शुरू होंगी सौ संस्कृत प्रयोगशालाएं

सीएम ने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान 50 विद्यालय व 50 महाविद्यालयों में संस्कृत प्रयोगशालाएं आरंभ की जाएंगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार शास्त्री अध्यापकों, जिन्होंने बीएड की है, को टीजीटी संस्कृत री-डेजीग्नेट करने की मांग पर विचार करेगी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत के मंत्रों का उच्चारण करोड़ों हिंदुओं द्वारा किया जाता है तथा अधिकतर धार्मिक अनुष्ठानों में संस्कृत भाषा का प्रयोग किया जाता है। संस्कृत लाहुल-स्पीति के एक गांव में बोली जाने वाली मुख्य भाषा है। यदि संस्कृत का ओर अधिक प्रचार किया जाए, तो यह दूसरे राज्यों के लोगों के मध्य एक कड़ी के रूप में काम कर सकती है।


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