अब भूतिया सुरंग को मिलेगा नया रंग

By: Aug 20th, 2019 12:03 am

सोलन – विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर कर्नल बड़ोग के नाम से मशहूर भूतिया सुरंग को रेलवे प्रशासन अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित करेगा। इस सुरंग में से डरावनी आवाजें आज भी स्थानीय लोगों को सुनाई देती हैं तथा बंद पड़ी इस सुरंग के अंदर जाने का साहस आज भी लोग नहीं जुटा पाते। सोलन-धर्मपुर रेल मार्ग पर बड़ोग के समीप एक सुरंग इस ट्रैक के निर्मित होने से पहले ही विवादों में आ गई थी तथा फिर उसके बाद नए रास्ते की तलाश करके इस रेल मार्ग के लिए नई सुरंग को निकाला गया। पुरानी सुरंग में अजीबों गरीब आवाजों के सुनाई देने के कारण लोग इसे भूतिया सुरंग कहने लग गए। रेल विभाग अब इसी पुरानी बंद पड़ी सुरंग को ऐतिहासिक धरोहर से जोड़कर इस स्थान को देश-विदेश के सैलानियों के आकर्षण के लिए पर्यटक की दृष्टि से विकसित करेगा। बड़ोग सुरंग का इतिहास बीसवीं शताब्दी से जुड़ा है। कालका से शिमला आते हुए 41 किलोमीटर की दूरी पर बड़ोग रेलवे स्टेशन है, जिसका नामकरण ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग पर हुआ है। जब कालका-शिमला रेल ट्रेक बन रहा था, तो बड़ोग के समीप आकर यह कार्य रुक गया, क्योंकि आगे के रास्ते के लिए सुरंग के निर्माण की आवश्यकता पड़ गई। यहां पर सुरंग के निर्माण का जिम्मा कर्नल बड़ोग को सौंपा गया। कर्नल बड़ोग ने इस ऊंचे पहाड़ पर दोनों छोर से निशान लगवाए तथा श्रमिकों से खुदाई कार्य शुरू करने को कहा। इस खुदाई में दोनों छोर नहीं मिले तथा ब्रिटिश सरकार ने इंजीनियर बड़ोग की इस चूक पर उन्हें एक रुपए का जुर्माना लगा दिया। ई. कर्नल बड़ोग इस अपमान को सहन नहीं कर सके तथा उन्होंने अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बाद में अंग्रेजों ने कार्य को दैवीय शक्ति वाले चायल के बाबा भलकू की मदद से पूरा किया। नई सुरंग पहले खोदी गई सुरंग से करीब 700 मीटर नीचे है तथा इसे सुरंग नंबर 33 का अंक दिया गया है। रेलवे विभाग का तर्क है कि इस पुरानी सुरंग में ये आवाजें पक्षियों व पानी के बहने की है। रेलवे विभाग अंबाला के एडीआरएम कर्ण सिंह ने कहा कि कर्नल बड़ोग के नाम से मशहूर सुरंग की ऊपरी सुरंग को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का एक खाका तैयार कर लिया गया है तथा इस संदर्भ में उच्च स्तरीय विभागीय बैठक भी हो चुकी है।

यहां आत्माएं भटकने की चर्चाएं

सुरंग को लेकर ऐसी अवधारणा है कि इंजीनियर बड़ोग की मृत्यु के बाद इस क्षेत्र में कई प्रकार की अप्रिय घटनाएं होने लगी तथा इसकी आत्मा के भटकने की चर्चाएं भी फैल गईं। पुरानी सुरंग हालांकि बंद है, लेकिन अभी भी लोगों को इसके भीतर से तरह-तरह की डरावनी आवाजें सुनाई देती हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App