अब लिवर ट्रांसप्लांट की बारी

शिमला  – किडनी टं्रांसप्लांट के बाद आईजीएमसी लीवर ट्रांसप्लांट शुरू करने की पहल भी जल्द करेगा। जानकारी के मुताबिक आईजीएमसी इस पर एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जिसमें अस्पताल में लीवर स्टेटस स्टडी की जा रही है। कितने मामले अस्पाल में आ रहे हैं। कितने प्रभावितों के लीवर खराब है इसका अपडेट लिया जा रहा है। प्रदेश के  लिए ये बड़ी पहल होगी कि राज्य के सबसे पुराने मेडिकल कॅलेज में दो मुख्य ट्रांसप्लांट भी किए जाएं इसके लिए अस्पताल कमर कसने वाला है। जिसमें ट्रेंड डॉक्टर्स का बुलाया जाएगा। प्रदेश से हर वर्ष आठ से दस मरीज़ लीवर ट्रांसप्लांट के लिए प्रदेश से बाहर जाते हैं। जिसमें लीवर ट्रांसप्लांट वही करवा पाते हैं जो अधिकतर उच्च तबके के होते हैं। आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर बेहतर प्रयास के  बाद लीवर ट्रांसप्लांट  करने पर भी आईजीएमसी जल्द काम करने वाला है। गौर हो कि अभी हाल ही में प्रदेश के किडनी प्रभावितों में मंडी के  38  वर्षीय बेटे को उसकी मां भगवान साबित हुई थी 55 वर्षीय मां ने 38 वर्षीय बेटे को किडनी दान की। वहीं अन्य ट्रांसप्लांट में शिमला के रोहडू क्षेत्र से 68 वर्षीय पिता ने अपनी 31 वर्षीय बेटी को किडनी दान देकर उसका जीवन बचाया था। दोनों प्रभावितों की दोनों किडनियों में इंफैक्शन था। दस वर्षो से इस योजना को सफल करने की जद्दोजहद आईजीएमसी कर रहा था जिसमें लगभग इस योजना के तहत दो करोड़ अस्पताल में जगह नहीं मिलने की वजह से लैप्स भी हो गए थे लेकिन अब 12 अगस्त को ये अहम प्रोजेक्ट सफल हो गया था। मध्यम वर्ग से संबंध रखने वाले परिवारों का अभी आपरेशन प्रदेश सरकार के स्पेशल बजट से किया गया था जिसमें 15 लाख का स्पेशल बजट आईजीएमसी को दिया गया था लेकिन बाद में प्रदेश की अहम स्वास्थ्य योजना हिमकेयर के माध्यम से भी किडनी ट्रांस्प्लांट हो पाएंगे।