ऊना प्रकरण पर सदन में हंगामा, नारेबाजी

By: Aug 21st, 2019 12:03 am

एसपी को हटाने की जिद पर अड़ा विपक्ष

शिमला – मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। मंगलवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के नेता और प्रतिपक्ष दोनों को चैंबर में बुलाकर गतिरोध खत्म करने का प्रयास किया। इसके चलते मुख्यमंत्री ने विपक्ष के रवैये को देखते हुए ऊना प्रकरण की निष्पक्ष जांच का ऐलान करते हुए मामला सीआईडी के सुपुर्द कर दिया। बावजूद इसके एसपी को हटाने की जिद पर अड़े विपक्ष ने प्रश्नकाल आरंभ होते ही बेल में पहुंच कर नारेबाजी शुरू कर दी। मंगलवार को इसी गतिरोध को तोड़ने के लिए विधानसभा की कार्यवाही सात मिनट देरी से 11 बजकर सात मिनट पर आरंभ हुई। विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने प्रश्नकाल आरंभ करने की घोषणा की। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष ने नियम-67 के तहत ऊना प्रकरण पर चर्चा शुरू कर दी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दोनों की चर्चा को सदन ने पूरी सहजता के साथ सुना। यकायक सीएम के जवाब के बाद विपक्ष एसपी ऊना के तबादले को लेकर अड़ गया और बेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। इससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल आरंभ कर दिया। अहम था कि सत्तापक्ष के सदस्य प्रश्नकाल में हिस्सा ले रहे थे और बेल में मौजूद कांग्रेस के विधायक नारेबाजी के साथ अपनी अक्रामकता दिखाते रहे। प्रश्नकाल की समाप्ति तक चली इस हंगामापूर्ण कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने कई तीखे नारे भी लगाए। प्रश्नकाल के दौरान गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के सवाल पर कांगड़ा से कांग्रेस विधायक पवन काजल द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गगल हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई 1372 मीटर से लगभग 2000 मीटर करने की योजना है।

शिमला— सदन से बाहर आते वीरभद्र सिंह व अन्य कांग्रेस विधायक

ट्रांसफर तक जारी रहेगी लड़ाई, सिंघा भी साथ आए

शिमला – नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एसपी ऊना ही खनन माफिया के सबसे बड़े संरक्षक हैं। ऊना में प्रतिदिन एक हजार टिपर अवैध खनन के निकल रहे हैं। स्वां प्रोजेक्ट अवैध खनन की भेंट चढ़ गया है। पुलों के समीप रेत के अवैध डिपो बन गए हैं। विपक्ष नशा व खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई चाहता है। बावजूद इसके कांग्रेस विधायक को झूठे केस में फंसा कर साजिश रचना गलत है। मामले में विधायक सतपाल रायजादा को जबरदस्ती जोड़ने का प्रयास किया गया। उनकी गाड़ी जब्त कर ली गई। इस कारण विपक्ष ने सत्र के पहले दिन नियम-67 के तहत चर्चा मांगी थी। इसकी अनुमति न मिलने पर विपक्ष ने अपना विरोध जताया था। ऊना में जिस व्यक्ति से शराब पकड़ी गई है, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। विपक्ष कभी भी ऐसे मामलों में दखल नहीं देगा, लेकिन एसपी ऊना की मौजूदगी में निष्पक्ष जांच की उम्मीद करना बेमानी होगी। इसके बाद पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब तक ऊना के एसपी को नहीं बदला जाएगा, तब तक लड़ाई जारी रहेगी। इसी मामले में माकपा नेता राकेश सिंघा ने कहा कि उनका बेशक कई मुद्दों पर कांग्रेस के साथ विरोध है, परंतु विधायकों पर हमले के मामले में वह विरोध करेंगे।

विपक्ष का रवैया देख बिंदल-भारद्वाज खफा

शिमला – सदन में दूसरे दिन विपक्षी दल कांग्रेस के व्यवहार को लेकर संसदीय कार्र्य मंत्री सुरेश भारद्वाज नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार जनता के हित में नहीं है। प्रदेश की जनता विधायकों को यहां इसलिए चुनकर भेजती है, ताकि उनकी समस्याओं को यहां पर उठाया जाए। आम आदमी की गाढ़ी कमाई का पैसा यहां सदन चलाने में भी लगता है, क्योंकि उनके सवालों का जवाब ढूंढने व कई दूसरे कार्यों में सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जाता है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ऊना प्रकरण में विधायक या उनके परिवार का कोई व्यक्ति शामिल नहीं है, ऐसे में कांग्रेस इसे विधायक के साथ क्यों जोड़ रही है। मामला सीआईडी को सौंपने का निर्णय लिया है, आईजी की देखरेख में जांच की जाएगी, तो यों विपक्ष मान नहीं रहा है। विधानसभा के अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने भरी इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बाढ़ पर महत्त्वपूर्ण चर्चा विपक्ष के विधायकों के कहने पर ही लगाई गई है।

बेवजह अड़ना या लड़ना लोकतंत्र के लिए सही नहीं

शिमला – सदन में विपक्ष के व्यवहार से खिन्न मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बेवजह किसी मुद्दे पर अड़कर या लड़कर रहना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वह अपने अड़े रहने के निर्णय पर पुनर्विचार करे। सदन का समय महत्त्वपूर्ण है और प्रश्नकाल सबसे अहम, जिसे सही तरह से चलाने में विपक्ष को अपना सहयोग देना चाहिए। विपक्षी दल कांग्रेस के लगातार दूसरे दिन सदन से बाहर चले जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने रास्ता निकालने की कोशिश की है। यह कोशिश विपक्ष के कहने पर इसलिए की, ताकि निष्पक्षता से जांच हो और विपक्ष का भी मान रह जाए। आपस में भी बातचीत की गई, लेकिन विपक्ष फिर भी अड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि ऊना के एसपी को सस्पेंड करना कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि इससे माफिया प्रोत्साहित होगा। इसका समाज में गलत संदेश जाएगा, साथ ही सरकार के अभियान को भी झटका लगेग। सीएम ने कहा कि सरकार को बने हुए लगभग दो साल का समय हो चला है। कभी भी इस सरकार ने बदले की भावना से काम नहीं किया है, कोई ऐसा आरोप नहीं लगा सकता है। हमने पहले ही दिन कहा था कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम नहीं होगा और उसी बात पर मैं अभी भी अडिग हूं। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमारी भावना को समझे। लोगों ने उन्हें चुना है, तो उन्हें सदन में आकर काम करना चाहिए।

प्रेस्टीज इश्यू न बनाएं

सीएम ने कहा कि विपक्ष के विधायकों को इस मामले को प्रेस्टीज का इश्यू नहीं बनाना चाहिए। विधायक के लिए प्रीवलेज है, लेकिन उनके परिवार या फिर स्टाफ के लिए यह प्रीवलेज नहीं है, इसलिए यह बात कांग्रेस विधायकों को समझनी चाहिए। उन्होंने विपक्ष को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही और कहा कि प्रदेश में बाढ़़ से बड़ा नुकसान हुआ है, जिस पर गंभीरता के साथ चिंतन करना चाहिए।

शिमला— मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अपनी बात रखते सीएम जयराम ठाकुर


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