एक माह तक शुभ कारज पर लगी ब्रेक

भुंतर -देवभूमि हिमाचल में एक माह के लिए किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य व शादी-ब्याह में गूंजने वाली शहनाई की मधुर धुन पर विराम लग गया है। शनिवार से काले माह का आगाज होने के बाद राज्य के हिंदू समाज के लोगों को शादी-ब्याह व घरों में करवाए जाने वाले अन्य शुभ आयोजनों के लिए इसके समाप्त होने का इंतजार करना पड़ेगा। माह भर अधिकतर जिलों में लोग काले माह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए रात के दौरान अपने-अपने घरों व देवालयों में दीये भी जलाएंगे। बता दें कि देवभूमि में देवी-देवताओं का प्रभुत्व अभी भी चलता है और इनके ही आदेशों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में अधिकतर कार्य किए जाते हंै। हिंदूू समाज में भाद्रपद को काले माह के नाम से जाना जाता है। विशेषज्ञों व देव समाज से जुड़े प्रतिनिधियों के अनुसार इस माह जगत के पालनकर्ता और शुभ कार्यों में साक्षी माने जाने वाले भगवान विष्णु पाताल लोक में शयन कक्ष में चले जाते हैं और यही कारण है कि शुभ कार्य उनकी अनुपस्थिति में नहीं हो पाते हैं। माना जाता है कि इस दौरान प्राकृतिक आपदाएं भी ज्यादा होती हैं और इस कारण इस माह को अंधेरे माह का नाम दिया गया है।  अश्विन माह के आरंभ होने के बाद ही अब शुभ कार्य होंगे। कई जिलों में माह भर में देवी-देवताओं के देवालयों में हर रोज शाम को दीये जलाने की भी परंपरा है, जिसका आज भी निर्वहन किया जाता है। जिला कुल्लू के देवी-देवता कारदार संघ के प्रधान जय चंद के अनुसार भाद्रपद माह को काले माह के रूप में मनाए जाने के चलते शुभ कार्य को लोग आरंभ नहीं करते हैं। उनके अनुसार एक माह के बाद ही इस प्रकार की विशेष गतिविधियां अब हो पाएंगी।