एमएचआरडी ने सीवीओ से मांगा जवाब

आईआईटी मंडी पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद आरोप मामले में मांगे दस्तावेज

मंडी – आईआईटी मंडी पर लगातार लगाए जा रहे आरोपों के बाद अब कहीं जाकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन शिकायतों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले पर आईआईटी मंडी के सीवीओ यानी सेंटर विजिलेंस ऑफिसर से पूरे दस्तावेजों के साथ जवाब मांगा है। मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा द्वारा तीसरी बार सदन में मामला उठाने के बाद अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह कार्रवाई शुरू की है। यहां बता दें कि आईआईटी मंडी में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के गंभीर आरोप पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने लगाए थे। पूरे मामले में उन्हें नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा। सांसद रामस्वरूप शर्मा ने 29 जुलाई, 2019 को संसद में तीसरी बार यह मामला उठाया था। उसके बाद केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्रालय जागा और कार्रवाई की तरफ कदम आगे बढ़ाए। इससे पहले भी सांसद महोदय 31 जुलाई और नौ अगस्त, 2018 को यह मामला संसद में उठा चुके थे, लेकिन मंत्रालय ने आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं किया। दरअसल सुजीत स्वामी ने आईआईटी मंडी पर चहेतों को लाभ पहुंचाने का सबसे बड़ा आरोप लगया है। उनके मुताबिक यहां नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई हैं। यही नहीं, आईआईटी ने नियमों के विपरित एक निजी स्कूल को संचालित करने के लिए अपनी करोड़ों की ईमारत दे रखी है, जबकि आईआईटी परिसर में सिर्फ केंद्रीय विद्यालय ही संचालित किया जा सकता है। इन सभी का खुलासा संस्थान के ही पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने मई, 2018 में किया था। सुजीत ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री तक को इसकी शिकायतें भेजी थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि सुजीत स्वामी ने मंडी में धरना-प्रदर्शन शुरू किया और विरोध स्वरूप अपने बाल तक मुंडवा लिए, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जाकर एमएचआरडी ने इन शिकायतों पर कार्रवाई शुरू की है और आईआईटी मंडी के सीवीओ से पूरे दस्तावेजों के साथ जवाब मांगा है।

हाई कोर्ट भी जा पहुंचा है मसला

मामले को लेकर सुजीत स्वामी सहित अन्य लोगों ने हिमाचल हाई कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की है और हाई कोर्ट ने भी आईआईटी मंडी से चार सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने का आदेश दिया है। कहा जा सकता है कि आईआईटी मंडी पर अब चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है।