एम्स में वीडियो कॉल से इलाज

एम्स के शिक्षण ब्लॉक में लगी आग के बाद वरिष्ठ प्रोफेसरों को बैठने के लिए ठिकाने का इंतजार है। प्रोफेसर घर पर ही व्हाट्सऐप के जरिए वीडियो कॉल कर मरीजों को देखकर जूनियर डाक्टरों को उपचार संबंधी सलाह दे रहे हैं। एम्स प्रशासन अभी तक वरिष्ठ प्रोफेसरों को बैठने के लिए जगह उपलब्ध नहीं करा सका है। एम्स के एक विभागाध्यक्ष ने बताया कि उनके पास एम्स में बैठने के लिए कोई जगह नहीं बची है और न किसी प्रकार की कोई सुविधा है। यही कारण हैकि वीडियो कॉल के माध्यम से मरीजों की स्थिति को देखकर जूनियर डाक्टरों को मदद कर रहे हैं। हफ्ते में एक या दो ओपीडी के अलावा सर्जरी के कारण बाकी दिनों में शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी होती है। बिना दफ्तर के कार्य करना मुश्किल हो गया है। इस आग में विभागों से जुड़ी सभी फाइलें, कम्प्यूटर और डाटा सब जलकर खाक हो चुका है।  वहीं एम्स प्रबंधन ट्रामा सेंटर के खाली ब्लॉक में डाक्टर्ज को बिठाने की बात कर रहा है। एक अन्य विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि आग लगने के बाद एम्स प्रशासन की ओर से सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें सुबह साढ़े नौ से शाम सात बजे तक इमारत में जाकर दफ्तरों में बचे सामान को लाने के लिए कहा गया है। इमारत के गलियारा को साफ कर दिया है, लेकिन कमरों की हालात जस की तस है। कमरों में जाने से पहले हेलमेट पहने का निर्देश है। साथ जिनके दफ्तर जले हैं, उनसे ट्रामा सेंटर में जाने के लिए कहा जा रहा है।