एससीए चुनाव पर कार्यकारी परिषद लेगी फैसला
प्रदेश सरकार नहीं करेगी हस्तक्षेप, विक्रमादित्य सिंह को शिक्षा मंत्री का जवाब
शिमला – एससीए चुनाव की पिच पर जयराम सरकार ने बाउंसर फैंक दिया है। प्रदेश सरकार ने अब यह गेंद विश्वविद्यालय के पाले में डाल दी है। एचपीयू और कालेजों में होने वाले छात्र संघ चुनाव पर राज्य सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी। कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस मसले पर विश्वविद्यालय की ईसी यानी कार्यकारी परिषद ही अंतिम निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि एससीए चुनाव करवाने या न करवाने के लिए प्रदेश सरकार की कोई भूिमका नहीं रहेगी। गौरतलब है कि हालांकि छात्र संघ चुनाव बहाली के लिए सभी छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बना दिया है, लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं हो पाया। यहां तक कि प्रदेश एचपीयू प्रशासन ने सभी कालेज प्रबंधनों से भी राय मांगी थी कि प्रत्यक्ष चुनाव करवाने के पक्ष में हैं या नहीं, मगर अभी तक कालेज प्रशासनों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी सहित काजेलों में 2014 में प्रत्यक्ष चुनावों पर रोक लगा दी थी। विवि प्रशासन के इस रवैये से जाहिर है कि इस बार भी मेरिट के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से ही एससीए का गठन किया जाएगा। यह पांचवा साल हैं, जब प्रेदश में छात्र संघ चुनावों पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया है।
मैरिट बनेगी आधार
विश्वविद्यालय के हर विभाग व कालेजों में प्रत्येक विषय व कक्षा से टॉपर चुने जाएंगे। साथ ही इन शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक, एनसीसी, एनएसएस, खेलकूद क्षेत्र में से भी अव्वल रहने वाले एक-एक छात्र को चुना जाएगा।
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