कटहल-नींबू और गरने का क्रेज

By: Aug 11th, 2019 12:10 am

बरसात के मौसम में समूचे  देश में पौधे रोपे जा रहे  हैं। लेकिन हिमाचली इस मामले में औरों से  डिफरेंट हैं।  वे यूं ही हर कुछ नहीं रोपते। वे पौधों को परखते हैं, उनका भविष्य देखते हैं,उसके बाद ही बूटे को अपनी बगिया में जगह देते हैं।  अपनी माटी टीम ने प्रदेश भर के बागबानों की च्वाइस जानने का प्रयास किया, तो पता चला कि इस बार कटहल खूब रोपा जा रहा है।  इसके बाद नींबू, गरना, संतरा का नंबर है। इसके अलावा आम और लीची तो हैं ही।  अकेले हमीरपुर में ही बागबानी महकमा एक महीने में  25 हजार बूटे बांट  चुका है। इसी तरह कांगड़ा, मंडी, शिमला, चंबा में विभागीय आफिसों में बेचने के लिए रखे  पौधे दोपहर तक  खत्म हो जाते हैं और लोग अगले दिन का इंतजार  करते हैं। विभाग आंवला, संतरा, मौसम्मी आदि भी बांट रहा  है। लोगों ने बताया कि  फ्रूट प्लाट्ंस 15 रुपए से लेकर 40 रुपए तक मिल  रहे हैं।  अगर आपने अभी पौधे नहीं लगाए, तो देर न करें। डा. मोना ठाकुर, उद्यान विकास अधिकारी, हमीरपुर ने लोगों से बरसात में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण में हिस्सा लेने का आग्रह किया है।

हमीरपुर से मंगलेश कुमार के साथ नीतिश गिल की रिपोर्ट

कटहल के अच्छे दिन

भारत वर्ष में ‘कटहल’ की खेती अनिवार्य होगी। हिमाचल में भी 500 करोड़ के बागबानी प्रोजेक्ट में कटहल की खेती को शामिल करने की योजना पर व्यापक मंथन चल पड़ा है। देश व प्रदेश में किसानों की आय को दो गुना करने की राष्ट्रीय महत्त्वाकांक्षी योजना को कटहल फल की मार्फत त्वरित गति से पूरा करने का खाका तैयार किया जा रहा है। बागबानी विशेषज्ञों ने कटहल की खेती के व्यावसायिक प्रयोग पर अपने अनुसंधानित विचार सरकार को प्रेषित किए हैं। पद्मश्री से सम्मानित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के  पूर्व अध्यक्ष केएल चड्डा के नेतृत्व में गठित राष्ट्रस्तरीय छह सदस्यीय कमेटी ने भी कटहल की खेती से किसानों की पैदावार को डबल करने के सुझाव लोकसभा की कमेटी को दिए हैं।

                               रिपोर्ट : मुकेश कुमार

4 तीखे सवालों के सामने  जयराम सरकार

प्रदेश भर के 10 लाख किसानों के चार मुख्य सवालों ने जयराम सरकार को हिला दिया है। शिमला में जुटे 213 किसान संगठनों स्पेशल प्लान बनाकर ऐसे तीखे सवाल पूछे हैं कि विभागीय अफसरों से लेकर मंत्रियों तक हर किसी का सिर चकरा गया है। डीसी के जरिए मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में किसानों का पहला प्रश्न यह है कि आखिर किसानों का कर्ज अभी तक क्यों माफ नहीं किया गया। दूसरा सवाल यह था कि आखिर मंडियों में  फलों व सब्जियों के सही रेट नही मिल रहे। सरकार कम से कम इस दिशा मे किया गया  एक प्रयास बता दे। तीसरा सवाल यह  था कि कोल्ड स्टोर बनाने की डेट कब बताएगी सरकार।  चौथा और तीखा प्रश्न यह था कि जब सारी दुनिया को पता है कि बंदरों को जहर देना या उनकी नसबंदी करना कोई हल नहीं है, तो सरकार क्यों आए दिन बहानेबाजी करती है।  राज्य अध्यक्ष डॉ कुलदीप तंवर ने कहा कि सरकार किसानों को मारने पर तुली हुई है। वहीं दूसरी ओर अपनी माटी  को  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि सरकार किसानों की समस्याओं से वाकिफ है। विभागीय अधिकारियों को चाहिए कि वे इस दिशा में तुरंत बड़ा एक् शन लें।

हाइब्रिड मटर के नाम पर मची लूट

हिमाचल में हाईब्रिड मटर बीज के नाम पर लूट मची है। नामी एवं रजिस्टर कंपनी से हाईब्रिड मार्कर मटर बीज हिमाचल लाकर सेल्जमैन की ओर से मनमर्जी के रेट लगा कर किसानों को लूटा जा रहा है। कृषि विभाग की की ओर से किसानों को उपलब्ध करवाए जाने वाले मटर बीज को पीछे छोड़ कर कम समय में तैयार होने वाली फसल एवं अधिक प्रोडक्शन (फली का साइज भी बड़ा) जैसी बातों को दर्शा कर यनाइटेड फास्फोर्स लिमिटिड (यूपीएल) की जीएस-10, स्काटा एवं अंकुर जैसी कई तरह की कंपनियों के हाईब्रिड बीज किसानों को बेचे जा रहे हैं।

मान सिंह वर्मा, चंबा

सेब की दुश्‍मन बनी बरसात

बागबानों के सपनों उड़ानों पर अंबर ने ब्रेक लगा दी है। जी हां, प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बरसात ने तुड़ान पर असर डालना शुरू कर दिया है,तो मंडियों में भी सेब के भाव काफी हद तक गिरते नजर आ रहे हैं। ढली,भट्टाकुफर से लेकर सिरमौर जिला के नौहराधार क्षेत्र में सेब के दाम बुरी तरह गिरे हैं। ढाई हजार में बिकने वाला वाला सेब का बाक्स अब महज एक हजार रुपए में बिक रहा है। किन्नौर से लेकर शिमला तक कई सड़कें ठप पड़ गई हैं। अब  11 से 13 अगस्त तक भारी बारिश होगी। इससे बागबानों की उम्मीदों को और गहरा झटका लगने की आशंका है।

कोटखाई से 66 रुपए में दिल्ली जा रहा सेब का बाक्स

सेब सीजन को लेकर ठियोग तथा कोटखाई के विभिन्न क्षेत्रों से माल ढुलाई को लेकर प्रशासन ने सेब ढुलाई की दरें तय कर दी हैं। हालांकि ये रेट 2017 में तय किए गए थे, जिसे प्रशासन ने लागू किया है और इसमें अभी तक कोई फेरबदल नहीं हुआ है। प्रशासन ने तय भाड़े के तहत ही माल ढुलाई के निर्देश ट्रक यूनियन व पीकअप यूनियन को दिए हैं। एसडीएम ठियोग कृष्ण कुमार ने बताया कि ये दरें ठियोग से दिल्ली आजादपुर मंडी के लिए तय की गई। तय की गई दरों में शिलारू से 68 रूपए मानण से 65 रूपए मतियाना से 63 रूपए क्यारा से 66 रूपए जिममूनाला 68 नागजुब्बड़ से 66 रूपए भराणा से 66 रूपए कराणा से 65 रूपए गढाकुफर से 65 रूपए कोहीनाल से 65 रूपए बनारघाटी 64 रूपए माहोग 63 लाफूघाटी 63 रूपए केलवी 64 बढू से 65 धर्मपुर 68 क्यारटू 68 संधू 62 सरीवन 62 ठियोग 61 जैस 62 छैला 63 बगैण 64 शलौआ 64 घूंड के लिए 68 रूपए का रेट तय किया गया है। क्यार से 64 खल्टूनाला से 66 माहौरी व क्यारू से 66 गुठाण से 69 षरमला से 73 सैंज से देहा 69 माईपुल से 65 बलग से 66 बासाधार से 72 भेखलटी से 61 फागू से 59 चियोग से 61 धरेच से 61 सतोग से 63 नहौल से 68 टियाली से 62 धमांदरी से 63 सरोग से 61 बड़ोग से 62 के रेट तय किए गए हैं।

रोहित सेम्टा, ठियोग

अंब में कृषि विभाग का ग्रेडिंग सेंटर बना सिरदर्द

उपमंडल अंब के टकारला मोड़ पर स्थित कृषि विभाग का ग्रेडिंग सेंटर किसानों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। जिस कारण किसानों में व्यापक रोष पनप रहा है। इससे खफा किसानों ने हाल ही में  कृषि विभाग के टकारला ग्रेडिंग सेंटर में अधिकारियो के समक्ष अपना रोष व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि सेंटर में किसानों की फसल की ग्रेडिंग उचित समय पर नहीं हो रही है। लोगों ने सरकार से इस मसले पर कार्रवाई मांगी है।

अमन कुमार, चुरुडू

दिल्ली में छाया हिमाचली स्पर सेब

दिल्ली के प्रगती मैदान में विश्व कृषि एवं बागवानी एक्स्पो में किसानों ने अपने अनूठे प्रोडक्ट से हर किसी को हैरान कर दिया। इस कार्यक्रम में  हिमाचल  कृषि विभाग ने  प्राकृतिक उत्पादों का  स्टॉल लगाया था। जिसे हर किसी की खूब सराहना मिली। इस स्टाल पर प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसान-बागबानों द्वारा उगाई गई सब्जियां रखी गई थी। खुशहाल किसान योजना के प्रतिनिधि एएमएस डॉ सुनिल पटियाल ने बताया कि कुल 25 हिमाचली उत्पादों ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा।  सेब की स्पर वैरायटी के अलावा शिमला मिर्च, बीन्स को खूब कद्रदान मिले।  वहीं लहसून, प्याज और दालों के भी  क्या कहने।   सेब यहां  200  रुपये किलो बिका। एक्सपो में प्रदेश  से कुल 25 क्विंटल उत्पाद भेजे  गए थे।

शिमला से प्रतिमा चौहान की रिपोर्ट

फ्लाइंग नहीं छोड़ेगी

सेब सीजन के दौरान बागबानों को धोखाधडी से बचाने के लिए और सडक किनारों पर अनाधिकृत रूप से सेब का कारोबार करने वालों पर एपीएमसी सख्त हो गई है। अनाधिकृत रूप से सड़कों पर जगह-जगह सेब का कारोबार करने वालों पर नकेल कसने के लिए एपीएमसी शिमला किन्नौर ने फ्लाइंग स्क्वॉयड का गठन किया है, जो अनाधिकृत रूप से सेब का कारोबार करने वाले कारोबारियों पर नकेल कसेगी। एपीएमसी शिमला किन्नौर के चेयरमैन नरेश शर्मा ने बताया कि नियमों की अनदेखी सहन नहीं होगी।

 ठगी के आरोपी शिमला तलब

सेब बागबानों से लाखों की ठगी करने वाले आढ़तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पुलिस एसआईटी ने शिमला तलब किया है। इसमें दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला के आढ़ती शामिल हैं। जिन्होंने ऊपरी शिमला और किन्नौर के कुछ बागबानों से पिछले साल सेब खरीदने के  बावजूद लाखों की राशि बागबानों को नहीं दी। आढ़तियों को नोटिस जारी कर 13 अगस्त को शिमला में पूछाताछ के लिए तलब किया गया है। ऐसे में पूछताछ के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

आरपी नेगी, शिमला

 चलते-चलते

मौसम विभाग की मानें तो जिला शिमला में 15 अगस्त तक मौसम खराब बना रहेगा। इस दौरान जिला के अनेक स्थानों पर बारिश होगी। विभाग ने जिला शिमला में वीकेंड पर भी अनेक स्थानों पर बारिश होेने की सभावना जताई। जिला शिमला में शुक्रवार मौसम खराब बना रहा। जिला के अधिकाशं क्षेत्रों में दिन भर रूक रूक कर बारिश होती रही। बारिश से शिमला के अधिकतम तापमान में फिर से गिरावट रिकॉर्ड की गई है।

 महंगी पड़ी रूमाल तले बोली

रोहडू में रूमाल के नीचे सेब की फसल की बोली लगाने के मामले में एपीएमसी शिमला किन्नौर सख्त हो गया है। एपीएमसी ने फोटो के आधार पर आढ़ती को नोटिस जारी कर दिया है। इतना ही नहीं एपीएमसी ने इस मामले में संबंधित आढ़ती से जबाब भी तलब किया है। आढ़ती से दो दिन के भीतर जबाब देने के लिए कहा गया। यदि आढ़ती ने दो दिन के भीतर जबाब नहीं दिया तो एमपीएमसी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएगी। उल्लेखनीय है कि रोहडू फल मंड़ी में एक आढ़ती द्वारा रूमाल के नीचे बोली लगाई थी। यह मामला प्रकाश में आने के बाद एपीएमसी ने इस बोली की फोटो के आधार पर आढ़ती को नोटिस जारी कर दिया है। अब एपीएमसी ने उक्त आढ़ती से जबाब तलब किया है। जबाब देने के लिए आढ़ती को दो दिन का समय दिया गया है। एपीएमसी शिमला किन्नौर के चेयरमैन नरेश शर्मा ने बताया कि आढ़ती को नोटिस जारी किया गया है। आढ़ती से दो दिन में जबाब मांगा गया है। अगर आढ़ती द्वारा दो दिन के भीतर इस मामले में जवाब नहीं दिया गया, तो आढ़ती पर नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

टेकचंद वर्मा, शिमला

इस अफसर से सीखें आम और लीची लगाना

बरसात में हर कोई पौधे रोपना चाहता है। महकमा पौधे बांट रहा है,लेकिन इन पौधों को लगाया कैसे जाए,इसका कम ही लोगों को ज्ञान होता है। कई लोग अपनी माटी के समक्ष जानना चाह रहे थे कि आखिर बूटों को लगाने का सही तरीका क्या है। इस पर अपनी माटी टीम ने एक्सपर्ट से तकनीक जानने का प्रयास किया। नाहन से हमारे ब्यूरो चीफ सूरत पुंडीर ने हार्टीकल्चर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर डॉ राजेंद्र भारद्वाज से बात की। डा. भारद्वाज ने कहा कि पहले तो हमें यह समझना चाहिए कि आखिर हम लगा क्या रहे हैं। हिमाचल में ज्यादातर लोग  दशहरी, अम्रपाली, ल्लिका, राम केला आदि आमों की किस्में लगा रहे हैं। इसके अलावा  लीची , किन्नू, कागजी नींबू, अमरुद लगा रहे हैं। इन सभी पौधों के लिए एक चीज कॉमन है और वह है वर्ग फुट का गडढा। इसके अलावा इसमें पक्का  गोबर डालना है। अगर ताजा गोबर डालेंगे,तो सब गड़बड़ हो जाएगा। अगर जमीन जंगल के पास हैं,तो बागबान भाई उसका उपचार जरूर करवा लें,अन्यथा सारी मेहनत बेकार हो जाएगी।

किसान बागबानों के सवाल

  1. बरसात के मौसम में पशुशाला के पास ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल कर

सकते हैं?

 जब पशु पशुशाला के बाहर हों उस दौरान ब्लीचिंग पाउडर का पशुशाला में इस्तेमाल करें। क्योंकि इससे कीड़े-मकौड़े मर

जाते हैं।                        लता, कांगड़ा

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