एनडीआरएफ-पीडब्ल्यूडी, आईपीएच, पुलिस, होमगार्ड-दमकल कर्मचारियों संग स्थानीय युवाओं ने वैकल्पिक रास्ता बनाकर टाला हादसा
ग्रामीणों की 25 कनाल जमीन बर्बाद
स्थानीय प्रशासन ने भू-स्खलन से प्रभावित घरों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा है। भू-स्खलन से वन विभाग की तीन हेक्टेयर जमीन व वन संपदा तबाह हो गई है वहीं लोगों की लगभग 25 कनाल जमीन प्रभावित हुई है। इस बारे में एसडीएम नूरपुर डा. सुरिंद्र ठाकुर ने बताया कि एनडीआरएफ , पुलिस होमगार्ड्स व पीडब्ल्यूडी की मशीनरी पानी निकालने में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि इस समस्या के हल के लिए बीबीएमबी व चमेरा प्रोजेक्ट के विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है।
भू-स्खलन से प्रभावित परिवार
जब्बर खड्ड में बाढ़ से सुदेश कुमारी, राजिंद्र सिंह व बुद्धि सिंहके परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है, जबकि चौथे प्रभावित नरेंद्र सिंह पहले से ही सुरक्षित स्थान पर रह रहे हंै।
काम में जुटे कर्मचारियों को चाय-खाना
पानी की निकासी के लिए वैकल्पिक रास्ते के निर्माण में जुटे एनडीआरएफ, पीडब्ल्यूडी, आईपीएच, होमगार्ड व फायर ब्रिगेड संग स्थानीय युवा भी लगातार जुटे हैं। ममूह-गुरचाल-नियाड़ ग्राम सुधार समिति की ओर से राहत एवं बचाव कार्य में जुटे लोगों के लिए चाय-नाश्ते व दोपहर के खाने के अलावा फ्रुट इत्यादि की व्यवस्था की गई।
पूर्व विधायक संग पहुंचे अधिकारी
नूरपुर-जसूर । पूर्व विधायक अजय महाजन व प्रदेश भाजयुमो सचिव भवानी पठानिया ने भी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से मिले। इस मौके पर बीबीएमबी के मुख्य अभियंता राज सिंह, अधीक्षण अभियंता आरडी सावा व अन्य अधिकारी रिची मेहता, एसके खन्ना, एनएचपीसी चमेरा के वरिष्ठ प्रबंधक चरणजीत सिंह, एनडीआरएफ के निरीक्षक ओम नरेश के अलावा डीएसपी नूरपुर डा. साहिल अरोड़ा, तहसीलदार नूरपुर डा. गणेश ठाकुर व डीएफओ नूरपुर बसु कौशल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद थे।