खनन…चिट्टा और अब शराब से ऊना बदनाम

विधायक के पीएसओ और स्टाफ के हमले ने कर दिया हैरान, माफिया के सियासी कनेक्शन पर मचा हड़कंप

ऊना -चिट्टे (ड्रग्ज) के काले धंधे के चलते पूरे प्रदेश में चर्चाओं के बिंदु बन चुके ऊना में अवैध खनन व शराब माफिया भी अपनी जड़े जमा चुका है। जिला ऊना में बड़े पैमाने पर नशे का अवैध कारोबार चल रहा है। चिट्टे के नशे ने युवाओं को अपनी चंगुल में ले रखा है। वहीं, अवैध शराब के कारोबारी भी लोगों की जिंदगी से खुलकर खेल रहे है। रात के अंधेरे में नशे के कारोबारी अपनी गतिविधियों को खूब चला रहे है। पेखूवेला में अवैध शराब के कारोबारी को पुलिस द्वारा दबोचे जाने के बाद एमएलए के पीएसओ व स्टाफ द्वारा पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की घटना ने सबको स्तब्ध करके रख दिया है। भाजपा ने इस प्रकरण पर कांग्रेस विधायक पर सीधे हमला बोलते हुए शराब माफिया को सरंक्षण देने का आरोप जड़ते हुए ऊना मुख्यालय पर प्रदर्शन किया, तो वहीं कांग्रेस विधायक ने भाजपा पर उसके विरुद्ध राजनीतिक षडयंत्र रचकर माफियाओं के विरुद्ध उसकी आवाज को दबाने का प्रयास बता दिया। हालांकि इस पुरे प्रकरण की सच्चाई तो जांच के बाद ही पता लगेगी, लेकिन इस घटनाक्रम ने शराब माफिया के राजनीतिक कन्नेकशन की झलक जरूर पेश की है। भाजपा व कांगे्रस दोनों ही राजनीतिक दल एक-दूसरे पर खनन, ड्रग्ज व शराब माफिया पर संरक्षण देने का आरोप लगाते रहे है। पूर्व कांग्रेस सरकार में भाजपा ने कांग्रेस नेताओं पर चिट्टे व खनन के कारोबारियों को राजनीतिक संरक्षण के आरोप दागे थे। वहीं, अब प्रदेश में सत्ता बदलते ही कांग्रेस नेता भाजपा के नेताओं पर अवैध खनन करने वालें माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे है। राजनीतिक आरोपों के बीच जिला में अवैध खनन, शराब व नशे के कारोबार में कोई कमी नहीं आ रही है। जिला में रात-दिन अवैध कारोबारी अपने धंधे बेरोक-टोक चमका रहे है। जिला की स्वां नदी व सहायक खड्डों में अवैध खनन का कारोबार पूरे यौवन पर है। स्वां नदी व सहायक खड्डों से अवैज्ञानिक ढंग से पीले पंजे से खनन किया जा रहा है तथा इसमें नियमों की पूरी तरह से अवहेलना हो रही है। रात के समय टिप्पर-ट्रालियों को खड्डों से मिनरल लोड करते व ले जाते हुए देखा जा सकता है। वहीं, स्थिति जिला में शराब के अवैध धंधे में है। इसमें अवैध शराब कारोबारी समानांतर शराब का कारोबार करके सरकार को लाखों रुपए का राजस्व का चूना लगा रहे है। वहीं, घटिया व सबस्टेंडर्ड शराब बेचकर लोगों के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे है। जिला भर में चाय की दुकानों व ढाबो तक पर अवैध शराब खुलेगाम बिकती है। जिला मुख्यालय पर ही एक दर्जन से अधिक स्थानों पर अवैध शराब के अनाधिकृत अहाते चल रहे है। जिला में कई स्थानों पर तो डोर-टू-डोर शराब की सप्लाई भी की जा रही है। बिना राजनीतिक संरक्षण के यह सब संभव नहीं है। जिला ऊना में चिट्टे के सबसे अधिक मामले पिछले दो सालों में ऊना जिला में दर्ज किए गए है। पुलिस सूत्रों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में एनडीपीएस एक्ट के 106 केस दर्ज हुए थे, जिनमें 138 आरोपियों धरे गए थे। जबकि वर्ष 2019 में अभी तक नशे के चार दर्जन के करीब केसों में पंाच दर्जन व्यक्तियों को पकड़ा गया है।