गैंग बनाकर झपट रहे कुत्ते

शिमला—राजधानी शिमला में बंदरों के आतंक के बाद अब आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों में खौफ का माहौल है। शहर में इन आवारा कुत्तों की तादाद में भी लगातार वृद्धि ही देखी जा रही है। ये आवारा कुत्ते बिना किसी कारण लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। शहर के चप्पे-चप्पे में आवारा कुत्ते झुंड बना कर घूम रहे हंै। झुंड में घूम रहे आवारा कुत्ते कभी भी किसी पर अचानक से हमला कर देते हैं। ये आवारा कुत्ते अधिकतर छोटे बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहे हैं। आए दिन शहर के अस्पतालों में कुत्तों के काटे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। शहर की जनता इन आवारा कुत्तों के  डर से घर से बाहर निकालने में भी कतराती है। खास तौर पर स्कूली बच्चों को अकेले स्कूल भेजने में अभिभावकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये आवारा कुत्ते छोटे बच्चों को देखकर  उन पर अचानक से झपट जाते हैं। ऐसे मेें कई बार तो ऐसा भी देखने में आया है कि अपने बचाव में बच्चे बुरी तरह से यहां वहां गिर जाते हैं, जिससे उन्हें काफी चोट लग जाती है। आवारा कुत्तों की समस्या शहर में दिन प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। ये आवारा कुत्ते शहर की गलियों, नालों, सड़कों यहां तक कि शहर के कूड़ेदानों तक में घूमते रहते हैं। शहर में आवारा कुत्तों  द्वारा लोगों को  काटने के कई मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन नगर निगम इस समस्या को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। शहर में आए दिन आवारा कुत्तों के  शिकार हो रहे स्कूली बच्चों, बुजुर्ग, महिलाओं को देखते हुए भी इन कुत्तों को पकड़ने व इन कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या पर रोक के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

हाथ में डंडा लेकर घूम रहे लोग

कुत्तों के आतंक से स्कूली बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। जैसे ही बच्चे रास्ते से अकेले गुजर रहे होते हैं तो उन पर आवारा कुत्ते हमला कर देते हैं। आजकल लोगों को रास्ते से गुजरते वक्त हाथ में डंडे लेकर गुजरना पड़ रहा है। लोगों ने नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि आवारा कुत्तों के आतंक से बचने के लिए कोई विशेष कदम उठाया जाए ताकि बच्चों को  स्कूल से घर आने-जाने और शहर की जनता के मन में बैठे डर से छुटकारा मिल सके।