गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का उपचार आसान

By: Aug 22nd, 2019 12:06 am

लोगों को अनियमित जीवनशैली से होने वाले रोगों जैसे डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर और हार्ट फेल जैसी बीमारियों के बारे में पता होगा, लेकिन बहुत से लोगों ने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (पेट की आंतों या पेट के कैंसर) के बारे में नहीं सुना होगा। नई तकनीकों से इसका उपचार आसान हो गया है।  गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी जीआई कैंसर भारत में चौथा सबसे अधिक लोगों को होने वाला कैंसर बन गया है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करता है। यह साइलेंट किलर के रूप में धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और शरीर के आंतरिक अंगों जैसे बड़ी आंत, मलाशय, भोजन नली, पेट, गुर्दे, पित्ताशय की थैली, पैनक्रियाज या पाचक ग्रंथि, छोटी आंत, अपेंडिक्स और गुदा को प्रभावित करता है। इसका इलाज संभव है।

जीवनशैली में बदलाव महत्त्वपूर्ण

रोग के प्रारंभिक लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए डाक्टर जीवनशैली में बदलाव की सलाह देते हैं। इसके तहत पोषक आहार लेना, व्यायाम करना आदि शामिल हैं। इसमें मरीजों की समय से जांच को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

जांच के नए-नए तरीके

ये जीआई कैंसर रोग की स्थिति और लक्षणों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। इनमें अंतर करने के लिए और कैंसर के खास प्रकार का पता लगाने के लिए मरीजों की जल्द से जल्द जांच करना बेहद आवश्यक है। कोलनगियोस्कोपी की मदद से डाक्टर पित्ताशय की थैली को देख सकते हैं। इससे उन्हें खास तरह के कैंसर का पता लगाने में मदद मिलती है। इससे उपचार काफी आसान हो जाता है।


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