गोहर में मटमैले पानी की सप्लाई पर रोक

गोहर –गोहर क्षेत्र में फैल रहे डायरिया को लेकर आईपीएच विभाग ने खड्डों से संबंधित अपनी तमाम उठाऊ पेयजल योजनाओं को फिलहाल बंद करने का निर्णय लिया है, ताकि लोगों को कीचड़युक्त पानी की सप्लाई न हों। बरसात के चलते दिन प्रतिदिन मटमैले हो रहे पानी के चलते विभाग ने यह फैसला लिया है। लिहाजा लोगों को खड्डों से संबधित उठाऊ पेयजल योजनाओं के बदले अब विभाग द्वारा चलाई जा रही ग्रेविटी युक्त पेयजल योजनाओं व समीपवर्ती हैंडपंपों से अपना गुजारा करना होगा। विभाग द्वारा लिए गए इस निर्णय से जहां एक ओर लोगों का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, वहीं दूसरी ओर विभाग द्वारा लाखों रुपए की लागत से ज्यूणी खड्ड के किनारे स्थापित किए गए पंप व भंडारण टैंकों के समीप बनाए गए फिल्टर बैड भी सुरक्षित रह सकेंगे। आईपीएच के उपमंडल गोहर में कार्यरत सहायक अभियंता आरके शर्मा ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गोहर सब-डिवीजन के अंतर्गत करीब 100 पेयजल स्कीमें हंै। इनमें से करीब 20 स्कीमें ठेके पर दी गई हंै, जबकि शेष बची स्कीमों को चलाने के लिए विभाग के पास अपने वाटर गार्ड हैं। उन्होंने लोगों से इस दौरान सहयोग की अपील की है। विभाग का मानना है कि जब तक खड्डों का पानी बिलकुल साफ नहीं हो जाता, तब तक गे्रविटी वाली पेयजल योजनाओं व अपने निकटतम हैंडपंप से पानी प्रयोग करनें की भी सलाह दी है। सनद रहे गत वर्ष बरसात के मौसम मंे गोहर क्षेत्र में लोगों द्वारा

मटमैला पानी पीने से उल्टी, दस्त, आंत्रशोथ व पीलिया

जैसी बीमारी फैल गई थी। आईपीएच व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को ऐसी बीमारियों पर नियंत्रण करने हेतु कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। अब इन बीमारियों से बचने के लिए आईपीएच विभाग ने खड्डों से संबंधित तमाम पेयजल योजनाओं में आने वाले  मटमैले पेयजल की सप्लाई तब तक बंद कर दी है, जब तक पानी पूर्णतया साफ नहीं हो जाता।

लैब के रिजल्ट पर टिकी हैं निगाहें

पिछले दिनों चच्योट पंचायत के अंतर्गत विभिन्न गांवों में फैले डायरिया को लेकर आईपीएच विभाग ने संबंधित पेयजल योजनाओं के सैंपल लेकर विभागीय प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजे हंै। प्रभावित क्षेत्र के लोगों की निगाहें अब उनके रिजल्ट पर टिकी हुई हैं। अब देखना यह है कि रिजल्ट पॉजिटिव होगा या नेगेटिव यह समय ही बताएगा।