घर वालों ने भी छोड़ा साथ; अब मुन्नाभाई न घर के, न घाट के

By: Aug 14th, 2019 12:01 am

धर्मशाला   – पुलिस भर्ती की परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने अपनी जगह पेपर देने के लिए मुन्नाभाइयों का सहारा लिया, आज वे समाज से इस कद्र बेसहारा हुए कि उनकी स्थिति न घर की न घाट की हो चुकी है। आलम यह है कि जिन अभिभावकों ने अपने इन करणधारों के जरिए भविष्य संवारने का सपना संजोया था, आज उनकी आंखों से भी उतर चुके हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि उनके लाल इस कद्र काले कारनामे भी कर सकते हैं। आलम यह है कि पकड़े गए ज्यादातर अभ्यार्थियों के अभिभावक उनसे संपर्क तक साधना भी मुनासिब नहीं समझ रहे। हैरत यह है कि नूरपुर से पकड़े गए मुन्ना भाई के पिता अमृतसर में चदं पैसों के लिए घर से बाहर रहकर दुकान पर काम करके परिवार चला रहे हैं। कुछ दिन पहले जब उनके लाल ने पुलिस भर्ती में ग्राउंड पास किया था, तो उनके हौंसले बुलंदियां छू रहे थे, उन्हें यकीन था कि अब उनके अच्छे दिन आने वाले हैं, लेकिन शायद उनके बेटे को न तो अपने अभिभावकों की इस खुशी को बरकरार रखने की काबिलियत थी और न ही अपनी मेहनत पर पूर्णतयः विश्वास। कई दिन तक इस नौजवान को जेल की सलाखों के पीछे अपने अंधकारमय भविष्य को कोसने के सिवाय और कोई चार नहीं है। यह तो नूरपुर के नौजवान की कहानी है। बात अगर शाहपुर, जवाली, बैजनाथ के अलावा दूसरे क्षेत्रों के युवाओं की की जाए, तो उनका भी करीब-करीब यही हश्र है। अभी तो इस पूरे प्रकरण की बड़ी मछली पुलिस गिरफ्त से बाहर है। जिस दिन यह मछली हत्थे चढ़ेगी, न जाने कितने घरों के लाल कालकोठरी में नजर आएंगे।

रूस्तमअली का देशी टोटका

जवाली के रूस्तमअली ने इस पूरे प्रकरण में अपने देशी टोटके ताबीज का पूरा-पूरा इस्तेमाल करने की योजना बना रखी थी। उसने दूसरे व्यक्ति से संपर्क करने संबंधिज इलेक्ट्रिक चिप को ताबीज में फिट कर रखा था। इससे पहले कि वह अपने नापाक मनसूबों को अंजाम देता, पुलिस की सतर्कता ने उसके ख्याली पुलाव पर पानी फेर दिया।

गरीबों से ऐंठ लिए चार-पांच लाख रुपए

घटनाक्रम में जो बात खुलकर सामने आई है, उससे हर कोई हैरत में है। इस मामले में मुख्य सरगना ने अपने गुरगों के साथ अभ्यर्थियों तक पहुंचने के लिए बाकायदा एक चेन का काम किया। इसमें उसे तब सफलता मिली, जब खाकी वर्दी को हर हाल में पहनने का सपना संजोए गरीब और मध्यम वर्गीय युवकों को सफलता का गारंटेड सब्जबाग दिखाते हुए मोटी रकम एेंठ ली। यह रकम चार से पांच लाख के बीच में मानी जा रही है।

जांच में कोई तरीका नहीं छोड़ेंगे अधिकारी

पूरे घटनाक्रम के बाद दूसरों को चौकस करने वाली पुलिस अब खुद चौकनी हो गई है। पुलिस भविष्य में आयोजित होने वाली तमाम परीक्षाएं हाईटेक करेगी। इसके लिए बाकायदा अंदरखाते पुलिस के आला अधिकारी शैक्षणिक संस्थाओं से सुझाव ले रहे हैं और नीट जैसी अन्य परीक्षाओं को भी स्टडी किया जा रहा है। आने वाले समय से क्यूआर कोड, सीसीटीवी और बायोमीट्रिक समेत फेस फोटो का भी इस्तेमाल करवा सकती है।


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