चंडीगढ़ पंजाब का अभिन्न अंग

By: Aug 23rd, 2019 12:02 am

पंचकूला – पंजाब सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दस्तावेज सौंपते हुए बताया है कि यूटी होने के बावजूद चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा और राजधानी है। 1952 में चंडीगढ़ को राजधानी घोषित किया गया था और 1966 में पंजाब री.ऑर्गेनाइजेशन एक्ट आने के बाद इसे यूटी का दर्जा दे दिया गया इसके बावजूद चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी होने का दर्जा कायम है। हरियाणा सरकार से जवाब मांगा गया तो उन्होंने जवाब देने के लिए समय मांग लिया। अब अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। चंडीगढ़ के फूल कुमार ने याचिका में बताया था कि शहर में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों का कोटा तय है। चंडीगढ़ जिला अदालत में न्यायिक अधिकारियों का अपना अपना कोई कोटा नहीं है और यहां पंजाब और हरियाणा के न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति होती है। दोनों ही राज्य चंडीगढ़ के अनुसूचित जाति के आवेदकों को आरक्षण नहीं देते जबकि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि पहले वह दस्तावेज दिखाओ, जिसमें यह तय किया गया हो कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी है।

29 को हरियाणा रखेगा अपना पक्ष

वर्ष 1966 में पंजाब री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट में चंडीगढ़ को चाहे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन पंजाब की राजधानी होने का इसका दर्जा कायम रहा। नंदा ने 20 जुलाई 1947 में वाइसराय की बैठक सहित इन सभी दस्तावेजों के हवाले से कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है, जिसे शुरू से ही स्वीकार किया जाता रहा है। अभी इस मामले में हरियाणा का पक्ष आना बाकी है जो सरकार आगामी 29 अगस्त को रखेगी।

लाहौर के बाद शिमला भी रही कैपिटल

पंजाब के एजी अतुल नंदा ने हाईकोर्ट को बताया कि 1947 में देश के आजाद हो जाने के बाद पंजाब की राजधानी को लाहौर से बदल कर शिमला किया था।  कैपिटल ऑफ  पंजाब एक्ट.1952 में चंडीगढ़ को राजधानी माना  वर्ष 1950 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चंडीगढ़ की योजना बनाई। कैपिटल ऑफ  पंजाब डिवेलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट-1952 में पंजाब की राजधानी माना गया।


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