चाइना को टक्कर देंगी लाहुल की जड़ी-बूटियां

By: Aug 6th, 2019 12:25 am

शिमला – जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की जड़ी-बूटियोंं के अच्छे दिन आने वाले हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान और सही कीमत न मिलने के कारण यहां की जड़ी-बूटियां लुप्त होती नजर आ रही हैं। इन्हें जिंदा करने के लिए अब प्रदेश की जयराम सरकार नई पहल शुरू करने जा रही है। लाहुल-स्पीति में ऐसी बेशकीमती जड़ी-बूटियां हैं, जो पड़ोसी देश चाइना में भी उपलब्ध हैं, लेकिन लाहुल-स्पीति को पहचान नहीं मिल रही है। इसे देखते हुए प्रदेश की जयराम सरकार यहां की औषधीय जड़ी-बूटियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टर मीट करने जा रही है। इस महीने की 12 तारीख को लाहुल-स्पीति के केलांग में इन्वेस्टर मीट आयोजित होगी, जिसमें आयुर्वेद और वन विभाग से जुडे़ देश के अफसर और आयुर्वेद से जुड़े उद्योगपति भाग लेंगे। यहां का छरमा, कूट, मणू, होप्स सहित अन्य औषधीय जड़ी-बूटियों का निवेश करने के लिए एमओयू हस्ताक्षर होंगे। जानकारी के मुताबिक केलांग में स्पेशल इन्वेस्टर मीट आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यहां की औषधीय खेती को बढ़ावा मिले और जड़ी-बूटियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत मिल सके। लाहुल-स्पीति में हॉप्स की खेती खत्म होने की कगार पर है, लेकिन इसे फिर से जिंदा रखने के लिए प्रदेश सरकार अहम कदम उठा रही है। यही नहीं, बल्कि आज चाइना छरमा से 262 प्रोडक्ट तैयार कर रहा है, लेकिन यहां इसे पहचान तक नहीं मिल रही है। ऐसी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए 12 अगस्त को केलांग में निजी एवं सरकारी क्षेत्र की नामी हस्तियां आएंगी। आयुष मंत्रालय भारत सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र में आयुर्वेद उद्योगों की कंपनियों के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए जाएंगे।

एनएमपीबी के अधिकारी भी आएंगे

12 अगस्त को केलांग में होने वाली इन्वेस्टर मीट में एनएमपीबी यानी नेशनल मेडिसन प्लांट बोर्ड के अधिकारी भी आएंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्री को भी न्योता दिया है, लेकिन अभी तक प्रोग्राम फाइनल नहीं हुआ है। इस दौरान जिला के किसानों को भी जागरुकता का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। इसके साथ-साथ वहां के लोकल वैद भी जड़ी-बूटियों की जानकारी देंगे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App