चाय नगरी पालमपुर पहुंचे ईको फ्रेंडली गणपति

By: Aug 22nd, 2019 12:15 am

लोगों की डिमांड पर बनाईं मूर्तियां; पानी में प्रवाहित करने के कुछ ही समय बाद घुल जाएगी मूर्ति , 100 से 20 हजार रुपए तक उपलब्ध

पालमपुर -‘गणपति बप्पा मोरया‘ का उद्घोष अब पालमपुर व साथ लगते क्षेत्रों में भी होने लगा है। पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्र के लोग गणेश चतुर्थी को पूरे उत्साह के साथ मना रहे हैं। गणेश चतुर्थी के दिनों में लोगों के घरों में प्रवेश के लिए गणपति बप्पा को तैयार किया जा रहा है। बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में तैयार की गई गणेश की मूर्तियां कोलकाता से पालमपुर पहुंच चुकी हैं। विशेष तकनीक से तैयार की गई यह मूर्तियां विभिन्न साइजों में उपलब्ध हैं। इस बार विशेषता यह है कि लोगों की मांग पर ईको फ्रेंडली मूर्तियां भी तैयार की गई हैं। इन मूर्तियों की खासियत यह है कि पानी में प्रवाहित होने के कुछ ही समय में यह पूरी तरह घुल जाएंगी। पालमपुर की आईमा पंचायत में संजीव कुमार इन मूर्तियों को अलग-अलग रंगों से नया रूप प्रदान कर रहे हैं। संजीव बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से गणपति की मूर्तियां कोलकाता से मंगवा रहे हैं। यह मूर्तियां बेहद ही आकर्षक हैं और संजीव स्वयं ही इन मूर्तियों को रंग देने का काम करते हैं। बड़ी मूर्तियों को रंगने में तीन से चार दिन का समय भी लग जाता है और एक संजीव कलाकृति भक्तों को मिलती है। पूरी तरह तैयार होने के बाद गणेश की मूर्तियां अलग-अलग साइजों में 100 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक की रेंज में उपलब्ध करवाई जाती हैं। यहां पर छह इंच से लेकर सात फुट तक की मूर्तियां उपलब्ध हैं।

मूर्तियों की डिमांड दोगुनी

भगवान गणेश की मूर्ति की घर में स्थापना और पूजन करने के बाद उनको प्रवाहित करने का क्रम पिछले कुछ सालों से ही क्षेत्र में शुरू हुआ है। अब यह प्रचलन बढ़ रहा है और मूर्तियों की डिमांड बढ़ती देख संजीव ने इस बार पहले से अधिक मूर्तियां मंगवाई हैं। इस साल गणपति की प्रतिमाओं की डिमांड पिछले साल से दोगुना हो गई है। संजीव बताते हैं कि उनके यहां तैयार की जा रही गणेश भगवान की मूर्तियां लेने के लिए लोग चढि़यार, पंचरुखी, नगरोटा, जोगिंद्रनगर और थुरल तक से आ रहे हैं। इस बार गणेश चतुर्थी दो सितंबर को मनाई जा रही है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App