चौंतड़ा में मनरेगा के तहत 3.40 करोड़ से हुआ विकास

जोगिंद्रनगर – महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत चौंतड़ा विकास खंड में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक एक लाख, 34 हजार 411 मानव कार्य दिवस अर्जित कर 3.40 करोड़ रुपए व्यय हो चुके हैं। इस अवधि में तीन कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है, जबकि 706 विकास कार्य प्रगति पर हैं। चौंतड़ा विकास खंड में कुल 19 हजार 338 जॉब कार्ड जारी किए गए हैं जिनमें से 11 हजार 136 क्रियाशील हैं, जबकि 6032 जॉब कार्ड धारकों ने काम की मांग की है। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कुल तीन लाख नौ हजार 688 मानव दिवस अर्जित करने के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले अब तक एक लाख 34 हजार 411 कार्य दिवस अर्जित कर लिए गए हैं। इसी अवधि के दौरान ग्राम पंचायत कोलंग ने 11ए 219 मानव दिवस अर्जित कर कुल 25.49 लाख रुपए, भडियाड़ा पंचायत ने 9421 मानव दिवस अर्जित कर 19.18 लाख, 7494 मानव दिवस अर्जित कर भडियाड़ा बूहला पंचायत ने 17 लाख, जबकि 6166 मानव दिवस अर्जित कर लांगणा पंचायत ने 12.05 लाख रुपए का बजट खर्च कर लिया है। इसके अतिरिक्त अब तक कुल 34 लोगों ने एक सौ दिन का कार्य पूर्ण कर लिया है। वर्ष 2018-19 की बात करें तो चौंतड़ा विकास खंड में कुल 8.74 करोड़ रुपए मनरेगा के अंतर्गत व्यय किए गए। इस अवधि के दौरान 907 विकास कार्यों को पूर्ण किया गया जबकि 860 कार्य प्रगति पर रहे। इस दौरान निर्धारित लक्ष्य दो लाख 11 हजार 630 मानव दिवस अर्जित करने के मुकाबले तीन लाख 21 हजार, 164 मानव दिवस अर्जित किए गए, जो निर्धारित लक्ष्य से डेढ़ गुना अधिक रहा। इसी अवधि के दौरान ग्राम पंचायत कोलंग ने कुल 20 हजार 824 मानव दिवस अर्जित कर 65.35 लाख व्यय कर पूरे ब्लॉक में पहला स्थान, लांगणा पंचायत ने 15 हजार 894 मानव दिवस अर्जित कर कुल 37.51 लाख रुपए व्यय कर दूसरा, जबकि पिपली पंचायत ने 23 हजार 897 मानव दिवस अर्जित कर कुल 48. 87 लाख रुपए व्यय कर तीसरे स्थान पर रही। इस अवधि के दौरान चौंतड़ा विकास खंड में कुल 554 लोगों ने एक सौ दिन का कार्य पूर्ण किया है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी चौंतड़ा राजेश्वर भाटिया का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में अब तक मनरेगा के तहत लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि व्यय की जा चुकी है, जबकि गत वित्तीय वर्ष में लगभग पौने नौ करोड़ रुपए व्यय हुए हैं। उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत कार्यशील मनरेगा वर्कर्ज को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है। मनरेगा बजट खर्च करने में गत वित्तीय वर्ष में पहले तीन स्थानों पर रही ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिए स्मृति चिन्ह प्रदान कर पुरस्कृत भी किया गया है।