जनमंच में उठा बंदरों की समस्या का मुद्दा
पालकवाह के प्रधान की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग को दिए शूटर बुलाने के आदेश
ऊना –हरोली विधानसभा क्षेत्र के दुलैहड़ में आयोजित जनमंच के दौरान ग्राम पंचायत पालकवाह के प्रधान संदीप कुमार ने क्षेत्र में बंदरों की समस्या का मामला उठाया। उन्होंने स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार को बताया कि बंदरों ने हमला कर अब तक 50 से अधिक लोगों को घायल किया है और क्षेत्र के लोगों में दहशत है। इस पर विपिन सिंह परमार ने वन विभाग को पेशेवर शूटर बुलाकर लोगों को राहत देने के निर्देश दिए। वहीं बालीवाल निवासी मीरा देवी ने गांव में पिछले छह महीने से पानी न आने की शिकायत की और कहा कि गांववासी बारिश का पानी पीने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए आईपीएच विभाग को प्राइवेट टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई करने के निर्देश दिए। दुलैहड़ निवासी राजीव कुमार ने कहा कि बेटी का इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा है और डाक्टरों ने साढ़े सात लाख रुपए का खर्च बताया है। संतोषगढ़ निवासी शिव किशोर वासुदेवा ने उनके क्षेत्र में गलत ढंग से हिमाचली प्रमाण पत्र देने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि पंजाब के निवासियों को बोनाफाइड सर्टिफिकेट दे दिए गए हैं और विजिलेंस को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर विपिन सिंह परमार ने जिलाधीश ऊना संदीप कुमार को मामले की जांच स्वयं करने को कहा।
स्वास्थ्य मंत्री से मिला आशा वर्कर्ज का प्रतिनिधिमंडल
जनमंच के दौरान जिला ऊना की आशा वर्कर्स यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार से मिला। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्ज को मिलने वाला इनसेंटिव काट लिया गया है और उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। आशा वर्कर्ज यूनियन अंब ब्लॉक की प्रधान रीटा देवी ने कहा कि आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर काम करती हैं और उन्हें मानदेय भी कम मिलता है। सिर्फ 1200 रुपए से घर का गुजारा नहीं चलता। ऐसे में उन्हें कम से कम 18 हजार रुपए वेतन दिया जाए। साथ ही दुर्घटना बीमा करने की भी मांग की। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इनसेंटिव न दिए जाने का मामला उनके ध्यान में है। सरकार आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर विचार करेगी।
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