जब्बर में बाढ़… 40 कनाल जमीन बही

नूरपुर –नूरपुर हलके की पंचायत डनी के खड़ेतर गांव में गत 18 अगस्त को जब्बर खड्ड पर भू-स्खलन से बनी झील का कुछ भाग रविवार रात को टूट गया, जिससे खड्ड में बाढ़ आ गई । बाढ़ से खड्ड के साथ लगते किसानों की 40 कनाल जमीन बह गई । वहीं, धान व मक्की की फसल भी बर्बाद हो गई। इस बाढ़ से बुद्धि सिंह, राजिंद्र सिंह, नरेंद्र व शिव कुमार की जमीन बह गई।  रात को पानी के फ्लड की गर्जना इतनी तेज थी कि साथ लगते घरों के लोगों ने खौफ  में पूरी रात बिताई। इस घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम नूरपुर डा. सुरिंद्र ठाकुर ने रात को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया।  साथ ही सोमवार को भी अधिकारियों सहित मौके का दौरा किया और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। रविवार रात लगभग नौ बजे जब्बर खड्ड में बनी झील का एक किनारा टूट गया, जिससे पानी तेजी से नीचे की ओर बहा । इससे  तीन प्रभावित परिवारों की व साथ लगती 40 कनाल जमीन बह गई।  बाढ़ से जमीन से खड्ड का लेवल 20 फुट नीचे गया।

फूट-फूट कर रोए किसान

इस तबाही को देख प्रभावित किसान फूट-फूट कर रोए और सरकार से अपने लिए सुरक्षित जगह की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसी तबाही दोबारा न देखनी पड़े। यहां कल तक फसलों से लहलहाते खेत थे, वहां अब तबाही के निशान ही बाकी है।

क्या कहते हैं प्रभावित

प्रभावित किसान बुद्धि सिंह ने बताया कि उनकी जीवन भर की मेहनत इस आपदा की भेंट चढ़ गई, जिससे वह बेहद दुखी है ं। सरकार इस नुकसान की रिपोर्ट बनवा कर उन्हें  जमीन के बदले जमीन दे, ताकि वह किसी अन्य जगह पर सुकून से रह सकें। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी जिंदगी इस जमीन को संवारने में लगा दी, जिसे कुदरत ने पल भर में तबाह कर दिया। प्रभावित राजिंद्र सिंह ने भी सरकार से उन्हें सुरक्षित जगह पर जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की ताकि वह व उनके भाई किसी सुरक्षित जगह पर अपना मकान बना कर रह सकें।

बाढ़ प्रभावितों को जमीन देगी सरकार

एसडीएम नूरपुर डा. सुरिंद्र ठाकुर ने कहा कि रविवार रात को जब्बर खड्ड पर बनी झील का एक हिस्सा टूटने से आई बाढ़ में 25 कनाल जमीन बह गई। उन्होंने बताया कि वह रात को भी यहां आए थे और सोमवार को भी स्थिति का जायजा लिया है।  प्रभावित लोगों के हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाने के लिए फील्ड स्टाफ  को आदेश दिए हैं। रिपोर्ट आने पर प्रभावितों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को अन्य जगह पर जमीन देने के बारे में प्रशासन प्रयासरत है और इसके बारे में एक-दो स्थान चिन्हित किए हैं।

खतरे में पीडि़त परिवार

भू-स्खलन से जिस प्रकार जब्बर खड्ड ने झील के आगे से अपना रुख प्रभावित लोगों की जमीन की ओर मोड़ा है, उससे भविष्य में प्रभावित परिवारों की बची हुई जमीन व घर पानी की चपेट में आने का डर है । इससे लोगों में दहशत का माहौल है।