जालान समिति ने सौंपी रिपोर्ट

कल आरबीआई बोर्ड सरप्लस ट्रांसफर पर करेगा विचार

नई दिल्ली -जालान समिति ने अपनी रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक को सौंप दी है, जिस पर केंद्रीय बैंक का बोर्ड सोमवार को विचार करेगा। इस समिति का गठन यह सुझाने के लिए किया गया है कि आरबीआई के पास कितना रिजर्व होना चाहिए और उसे केंद्र सरकार को कितना लाभांश देना चाहिए। आरबीआई द्वारा सरप्लस ट्रांसफर से केंद्र सरकार को सार्वजनिक ऋण चुकाने तथा बैंकों में पूंजी डालने में मदद मिलेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा कर चुकी हैं, जिससे बाजार में पांच लाख करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। इस बात की हालांकि कोई जानकारी नहीं है कि आरबीआई के सरप्लस रिजर्व का कितना हिस्सा केंद्र सरकार को ट्रांसफर किया जाएगा, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि कॉन्टिजेंसी फंड, करंसी तथा गोल्ड रवेल्यूएशन अकाउंट को मिलाकर आरबीआई के पास 9.2 लाख करोड़ रुपए का रिजर्व है, जो केंद्रीय बैंक के टोटल बैलेंस शीट साइज का 25 फीसदी है। विश्लेषकों का कहना है कि सरकार आरबीआई के 25 फीसदी के सरप्लस रिजर्व को घटाकर 14 फीसदी के वैश्विक मानदंड पर लाना चाहती है, जिसके लिए आरबीआई को पांच लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 2.4 फीसदी) केंद्र को जारी करना होगा। मगर वास्तविक आंकड़ा कम हो सकता है। आरबीआई ने दिसंबर, 2018 में इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क पर समिति का गठन किया था। उम्मीद की गई थी कि यह 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें काफी विलंब हुआ।