जीरो टैक्स का औचित्य

By: Aug 26th, 2019 12:04 am

 डा. विनोद गुलियानी, बैजनाथ

इसमें कोई दो राय नहीं कि व्यक्तिगत विकास से लेकर समूचे देश के विकास में धन ही रीढ़ की हड्डी तुल्य है। इस मंजिल को पाने के लिए हिसाब-किताब व टैक्स भय से हर करदाता को बाहर निकालने बारे हमारे माननीयों को ठोस उपाय निकालने होंगे। भाव सीधा व स्पष्ट है कि देश की अर्थ व्यवस्था का मजबूत होना अति आवश्यक है। व्यापारी वर्ग को प्रतिदिन अपनी प्राप्तियों को जमा करवाने को प्रेरित किया जाए। ब्याज अंतर सीधा सरकारी खाते में जाए। अब रही बात सरकारी कर्मचारियों की उन्हें भी 16-ए, 26 ए.एस. तथा आयकर भरने में अपना काम छोड़ समय व्यर्थ करने से छुटकारा मिलना ही चाहिए।

 

 


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