टीसीपी एक्ट आसान करेगी राज्य सरकार
शिमला – प्रदेश सरकार टीसीपी एक्ट का सरलीकरण करने जा रही है। प्लानिंग और नॉन प्लानिंग एरिया के लोगों को राहत देने के लिए बनी कैबिनेट सब-कमेटी ने टीसीपी विभाग से रिपोर्ट मांगी है। विधानसभा मानसून सत्र के बीच कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक होनी है, उससे तीन दिन पहले टीसीपी के निदेशक कमेटी को पूरी रिपोर्ट देंगे। उसके बाद जनता के सुझाव पर कानूनी राय ली जाएगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कैबिनेट सब-कमेटी ने टीसीपी विभाग को 29 मुख्य बिंदुओं पर प्रश्नावली जारी कर समय पर पूरी रिपोर्ट मांगी है। कैबिनेट सब-कमेटी का तर्क है कि प्रदेश के यूएलबी, साडा और प्लानिंग एरिया में अलग-अलग धाराएं लगी हैं, जिसे एक समान करने की आवश्यकता है। टीसीपी एक्ट-1977 में संशोधन करना है, तो भी कानूनी राय के मुताबिक किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक गत 30 जुलाई को हुई कैबिनेट सब-कमेटी की पहली बैठक में 29 मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसमें प्रदेश में लैंड पूल बनाने, पड़ोसी राज्यों में क्या रियायत दी है, एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में लंबित केस, बिना नक्शे के लोगों के मकान, एनजीटी में होटलों के कितने मामलों सहित 29 बिंदुओं पर चर्चा की गई। बताया गया कि कैबिनेट सब-कमेटी कानूनी पहलुओं को बाइपास नहीं करेगी। जनता को राहत देने के लिए यह कमेटी जनता और कानूनी राय के बाद ही अंतिम रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप देगी। आने वाले दिनों में कमेटी के चेयरमैन महेंद्र सिंह ठाकुर की टीम ग्राउंड में उतरेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सभी 55 प्लानिंग एरिया का दौरा कर खामियों सहित अन्य पहलुओं की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
पड़ोसी राज्यों के नियम स्टडी होंगे
प्रदेश के कुछ प्लानिंग एरिया को बाहर करने एवं नए एरिया को शामिल करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के टीसीपी नियमों को स्टडी करेगी। इसके साथ-साथ नानावती आयोग की सिफारिशों को भी स्टडी कर प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए रूल बनाए जाएंगे।
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