टूटते पहाड़ों ने डराए मेहमान, गाडि़यों में बीती रात

मनाली-लेह रोड बंद; रोहतांग में फंसे सैकड़ों सैलानी, दर्रे के दोनों तरफ लगी वाहनों की कतारें

केलांग – रोहतांग की टूटती पहाडि़यों ने सैलानियों को डरा दिया है। यहां लगातार पहाड़ी से गिर रही चट्टानों ने जहां गाडि़यों की आवाजाही रोकी दी है, वहीं बीआरओ के लिए भी यह नई चुनौती बन गई है। मनाली-लेह सड़क पर बच्चों संग फंसे सैकड़ों सैलानियों को जहां बुधवार की रात गाडि़यों में ही बितानी पड़ी, वहीं गुरुवार देर शाम तक मनाली-लेह मार्ग यातायात के लिए बहाल नहीं हो सका था। ऐसे में सैलानियों ने जहां प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं मनाली-लेह मार्ग पर फंसे सैलानी भविष्य में इस सड़क पर सफर न करने की बात कह रहे हैं। साफ मौसम में भी रोहतांग की पहाडि़यों के टूटने से सड़क पर जहां चट्टानों के गिरने का दौर जारी है, वहीं लाहुल-स्पीति से आने वाली किसानों की फसलों की खेप भी रोहतांग के ऊपर फंस गई है। ऐसे में मनाली-लेह सड़क पर यातायात के ठप होने से लाहुल-स्पीति के किसानों को रोजाना लाखों रुपयों बुधवार देर शाम से ही रोहतांग दर्रे के दोनों तरफ सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं। छोटे-छोटे बच्चों संग यहां फंसे सैलानियों को खाने-पीने के सामान की भी किल्लत झेलनी पड़ी। जानकारी के अनुसार इस बार रोहतांग दर्रे के समीप बंता मोड़ व राक्षी ढांक व मढ़ी के समीप पहाड़ी के दरकने से हालात काफी खराब हो गए हैं। बुधवार सुबह ही इस सड़क को यातायात के लिए बहाल किया गया था, वहीं दोपहर बाद फिर से पहाड़ी के दरकने से यहां यातायात व्यवस्था ठप पड़ गई। ऐसे में मनाली-लेह सड़क पर सफर कर रहे सैंकड़ों सैलानी जहां रोहतांग दर्रे के दोनों छोरों पर फंस गए। उधर, बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि रोहतांग दर्रे पर हुए भू-स्खलन का मलबा हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उनका कहना है कि यहां मलबा हटाते ही पहाड़ी से चट्टानें दोबारा गिर रही हैं, जिस कारण यहां यातायात बहाल नहीं हो पा रहा है।