टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में करियर

By: Aug 21st, 2019 12:28 am

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की वह ब्रांच है जो गारमेंट, कलर और फैब्रिक लाइन की इंडस्ट्रीज से संबद्ध कार्य करती है। यह एक ऐसा विज्ञान है जो टैक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की प्रोसेस में शामिल सभी एक्टिविटीज और मेथड्स से संबद्ध है। टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में लॉ, प्रिंसिपल्स और साइंटिफिक टेक्निक्स शामिल हैं जो सभी किस्म के यार्न्स धागे और टैक्सटाइल फैब्रिक्स की मैन्युफैक्चरिंग और विकास करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यह साइंस के उन प्रिंसिपल्स का भी अध्ययन करती है जो टैक्सटाइल फाइबर को बनाने में इस्तेमाल होने वाले पॉलीमर्स को एनालाइज करते हैं। टैक्सटाइल इंजीनियरिंग का फोकस फाइबर, मशीनरी और प्रोडक्ट्स, अपैरल और टैक्सटाइल प्रोसेस को डिजाइन करने और कंट्रोल करने से जुड़े कार्यों पर होता है…

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग का चयन क्यों किया जाए

आजकल टैक्सटाइल एक निरंतर विकसित होने वाली इंडस्ट्री बन चुकी है और फैशन, गारमेंट्स तथा फाइबर मैन्युफैक्चरिंग की फील्ड में अपनी पहचान बनाने में रूचि रखने वाले कैंडिडेट्स टैक्सटाइल इंजीनियरिंग का कोर्स चुन सकते हैं। यह कोर्स छात्रों को एक शानदार करीयर के लिए ढेरों अवसर उपलब्ध करवाता है क्योंकि टेक्सटाइल्स की मांग और आपूर्ति कभी कम नहीं होगी। इसलिए टैक्सटाइल इंजीनियरिंग का टाइम और कार्यक्षेत्र लगातार व्यापक होता जा रहा है और टेक्सटाइल इंजीनियरिंग ने भारत और विदेशों में कई किस्म की जॉब्स के अवसर मुहैया करवाए हैं। टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में रिसर्च और क्रिएटिविटी की बहुत अधिक जरूरत होती है और छात्र अपनी क्रिएटिविटी, इनोवेशन तथा साइंटिफिक नॉलेज का इस्तेमाल करते हुए अपने यूनिक आइडियाज को साकार कर सकते हैं। टैक्सटाइल इंजीनियर्स अपने स्किल्स और क्रिएटिविटी के आधार पर, टॉप टैक्सटाइल प्लांट्स एवं कंपनियों में जॉब प्राप्त करके, सफलता की नई उंचाइयों को छू सकते हैं या फिर, वे अपना नया वेंचर भी शुरू कर सकते हैं।

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में कोर्सेज

कई यूनिवर्सिटीज और कालेजों ने टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में स्पेशलाइजेशन कोर्सेज शुरू किए हैं। टैक्सटाइल इंजीनियरिंग के सिलेबस में स्टूडेंट्स को मेटीरियल और मशीन के इंटरेक्शन, एनर्जी कंजरवेशन, नेचुरल और मानव-निर्मित मेटीरियल्स, पोल्यूशन, वेस्ट कंट्रोल और सेफ्टी तथा हेल्थ के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

भारत में टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में निम्नलिखित 4 किस्म के प्रोग्राम्स हैं।

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स :

टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी  टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा

फेब्रिकेशन टेक्नोलॉजी एंड इरेक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा

अंडरग्रेजुएट कोर्स

इसे अकसर बीटेक प्रोग्राम के नाम से जाना जाता है। इस कोर्स की ड्यूरेशन 4 वर्ष है और यह कोर्स 102 एग्जाम पास करने के बाद किया जा सकता है।

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक)

पोस्टग्रेजुएट कोर्स

इस कोर्स को एमटेक के नाम से भी जाना जाता है और इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है। इंजीनियरिंग में अंडरग्रेजुएट डिग्री प्राप्त करने के बाद आप यह कोर्स कर सकते हैं।

* टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी में मास्टर ऑफटेक्नोलॉजी (एमटेक)

* टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक)

* टैक्सटाइल केमिस्ट्री में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक)

डॉक्टोरल डिग्री कोर्स

यह कोर्स पीएचडी डिग्री कोर्स के नाम से जाना जाता है और इस कोर्स की अवधि 1.2 वर्ष होती है। छात्र अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद यह कोर्स कर सकते हैं।

टैक्सटाइल इंजीनियर्स क्या करते हैं

हम हर जगह टैक्सटाइल्स देख सकते हैं फिर चाहे वे कपड़े, बेडशीट्स, ड्रेपरीज, कारपेटिंग, अपहोल्स्ट्री फैब्रिक्स या टॉवल्स हों। इन सभी गुड्स के प्रोडक्शन के पीछे जो विज्ञान काम कर रहा है,वही टैक्सटाइल इंजीनियरिंग है। टैक्सटाइल इंजीनियर्स उक्त सभी किस्म के फाइबर्स, फैब्रिक्स और यार्न्स को तैयार करने के लिए प्रोसेसेज, इक्विपमेंट और प्रोसीजर्स को डिजाइन और डेवलप करने से संबद्ध कार्य करते हैं। वे प्लांट में काम कर सकते हैं और डिजाइन इंजीनियरिंग, प्रोसेस इंजीनियरिंग, प्रोडक्शन कंट्रोल और सुपरविजन, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, टेक्निकल सेल्स एंड सर्विसेज, क्वालिटी कंट्रोल रिसर्च एंड डेवलपमेंट और कॉरपोरेट मैनेजमेंट से जुड़े सभी कार्य करते हैं। मेडिकल साइंस भी आर्टिफीशल आर्टरीज और किडनी डायलिसिस मशीन्स के फिल्टर्स के लिए टेक्सटाइल्स पर निर्भर करती है। जार्विक  7 आर्टिफीसीयल हार्ट 50 परसेंट टैक्सटाइल फाइबर्स से बना होता है और उसमें वेल्क्रो फिटिंग्स होती है।

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग के कोर सब्जेक्ट्स

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी, टैक्सटाइल केमिस्ट्री और टैक्सटाइल प्रोडक्शन शामिल हैं। टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में आने वाले कोर सब्जेक्ट्स निम्नलिखित टेबल में दिए जा रहे हैं।

टैक्सटाइल फाइबर

* यार्न फॉर्मेशन * फैब्रिक फॉर्मेशन * केमिकल प्रोसेसिंग ऑफ टैक्सटाइल्स * इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इन टेक्सटाइल * डिजाइन एंड स्ट्रक्चर ऑफ फैब्रिक * कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स इन टैक्सटाइल्स * डिजाइन एंड स्ट्रक्चर ऑफ फैब्रिक * टैक्सटाइल टेस्टिंग एंड इंस्ट्रूमेंट्स* प्रोसेसिंग एट टैक्सटाइल लैब

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में कोर्सेज

कई यूनिवर्सिटीज और कालेजों ने टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में स्पेशलाइजेशन कोर्सेज शुरू किए हैं। टैक्सटाइल इंजीनियरिंग के सिलेबस में स्टूडेंट्स को मेटीरियल और मशीन के इंटरेक्शन, एनर्जी कंजरवेशन, नेचुरल और मानव-निर्मित मेटीरियल्स, पोल्यूशन, वेस्ट कंट्रोल और सेफ्टी तथा हेल्थ के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में उपलब्ध रोजगार के अवसर

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में फैशनेबल कपड़ों की मांग को ध्यान में रखते हुए, बहुत ज्यादा रिसर्च, क्रिएटिविटी और इनोवेशन की जरूरत होती है। एक बार कोर्स पूरा हो जाने के बाद, छात्रों को अपने काम में इस क्रिएटिविटी और साइंटिफिक जानकारी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए ताकि उन्हें अपने काम में बेहतरीन क्वालिटी और अच्छे नतीजे प्राप्त हों।  टैक्सटाइल इंजीनियर्स को अकसर टॉप टैक्सटाइल प्लांट्स और कंपनियों द्वारा जॉब ऑफर की जाती है। रोजगार के अलावा, टैक्सटाइल इंजीनियर्स अपना बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में जिन छात्रों ने डिग्री हासिल की है, वे निम्नलिखित पोजीशन्स पर काम कर सकते हैं।

मेडिकल टैक्सटाइल्स इंजीनियर

* प्रोसेस इंजीनियर * ऑपरेशन्स ट्रेनी * क्वालिटी कंट्रोल सुपरवाइजर * प्रोसेस इम्प्रूवमेंट इंजीनियर * टेक्निकल सेल्सपर्सन *

भारत में टैक्सटाइल इंजीनियर्स को जॉब मुहैया करवाने वाले प्रमुख रिक्रूटर्स की लिस्ट

* बॉम्बे डाइंग * मैसूर सिल्क * जेसीटी लिमिटेड * लक्ष्मी मिल्स

रिलायंस टेक्सटाइल्स

* फैब इंडिया * ग्रासिम इंडस्ट्रीज * अरविंद मिल्स लिमिटेड * लक्ष्मी मशीन वर्क्स * भीलवाड़ा गु्रप * राजस्थान पेट्रो सिंथेटिक्स * आरआईएल टैक्सटाइल्स * जेसीटी मिल्स

टैक्सटाइल इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम्स की लिस्ट

ग्रेजुएशन लेवल

जेएनयू जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम

बीआईएसएटी : बिड़ला इंस्टीच्यूट आफ  टेक्नोलॉजी एंड साइंस एग्जाम

एनआईटी : नेशनल इंस्टिच्यूट आफ टेक्नोलॉजी

डीसीई सीईई : दिल्ली कालेज ऑफ  इंजीनियरिंग कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम

बीआईएचईआर : भारत यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम

एएमआईई : एसोसिएट मेंबरशिप ऑफ इंस्टिच्यूशन्स आफ इंजीनियर्स

वीआईटीईईई : वेल्लोर इंस्टीच््यूट ऑफ  टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम

एआईईईई : ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम

एआईसीईटी : ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट

आईआईटी जेईई : आईआईटी ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम उत्तर प्रदेश स्टेट एंट्रेंस एग्जाम


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