ताजमहल या तेजो महालय, जानिए रहस्य

By: Aug 3rd, 2019 12:05 am

भारतीय इतिहास के पन्नों में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दुनिया भर में ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कुछ इतिहासकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनवाया था, वह तो पहले से बना हुआ था। उसने इसमें हेरफेर करके इसे इस्लामिक लुक दिया…

पिछले दिनों केंद्रीय सूचना आयोग ने सरकार से पूछा कि ताजमहल शाहजहां का बनवाया हुआ मकबरा है या राजपूत राजा की ओर से मुगल बादशाह को तोहफे में दिया गया प्राचीन शिव मंदिर? इतिहास का यह सवाल सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा और अब सूचना आयोग ने भारत के संस्कृति मंत्रालय से इस संबंध में जवाब मांगा है। इस मामले में देशभर की कई अदालतों में याचिका भी दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट में भी इसे लेकर याचिका दायर की गई थी जिसे खारिज कर दिया गया था। हालांकि इससे जुड़े कई मामले अब भी लंबित हैं। पिछले दिनों सूचना आयुक्त श्रीधर अचार्युलु ने अपने एक आदेश में कहा था कि मंत्रालय को ताजमहल से जुड़ी सभी शंकाओं को खत्म कर देना चाहिए। इस संदर्भ में हम इतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश की पुस्तक को आधार बनाकर लिखा गया एक आलेख यहां छाप रहे हैं। यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर ‘ताजमहल’ न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। ताजमहल को दुनिया के सात आश्चर्यों में शामिल किया गया है। हालांकि इस बात को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया है या फिर किसी और ने। भारतीय इतिहास के पन्नों में यह लिखा है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। वह मुमताज से प्यार करता था। दुनिया भर में ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कुछ इतिहासकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनवाया था, वह तो पहले से बना हुआ था। उसने इसमें हेरफेर करके इसे इस्लामिक लुक दिया। दरअसल इसे शाहजहां और मुमताज का मकबरा माना जाता है। उल्लेखनीय है कि ताजमहल के पूरा होने के तुरंत बाद ही शाहजहां को उसके पुत्र औरंगजेब द्वारा अपदस्थ कर आगरा के किले में कैद कर दिया गया था। शाहजहां की मृत्यु के बाद उसे उसकी पत्नी के बराबर में दफना दिया गया।

दौलत छुपाने की जगह या मुमताज का मकबरा

प्रसिद्ध शोधकर्ता और इतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक ने अपनी शोधपूर्ण पुस्तक में तथ्यों के माध्यम से ताजमहल के रहस्य से पर्दा उठाया है। इतिहासकार पुरुषोत्तम ओक ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि शाहजहां ने दरअसल, वहां अपनी लूट की दौलत छुपा रखी थी, इसलिए उसे कब्र के रूप में प्रचारित किया गया। यदि शाहजहां चकाचौंध कर देने वाले ताजमहल का वास्तव में निर्माता होता तो इतिहास में ताजमहल में मुमताज को किस दिन बादशाही ठाठ के साथ दफनाया गया, उसका अवश्य उल्लेख होता।


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