दहशत में जीने  को मजबूर पतलीकूहल के लोग

By: Aug 9th, 2019 12:16 am

कुल्लू -बरसात के दिन हो या फिर सर्दियों के हर बार किसी गांव को अगर ब्यास नदी हो या नदी-नालों का पानी बढ़ने पर खतरा रहता है तो वह पतलीकूहल गांव, जहां के लोग आज दहशत में जीने को मजबूर हैं। ब्यास नदी का पानी बढ़ने पर या फिर नदी-नालोंं में बादल के फटने पर हर बार नुकसान पतलीकूहल गांव को हमेशा पिछले कुछ सालों से पहले झेलना पड़ा है। गत बुधवार देर रात को भी एक बार फिर यहां बड़ग्रां नाले में बादल फटने से भारी नुकसान पतलीकूहल गांववासियों को झेलना पड़ा, जिस कारण से एक बार फिर कई घरों को यहां नुकसान पहुंचा है। पूरा गांव देर रात चार बजे से लेकर सुबह तक जागता रहा, जहां पर पानी के डर से लोग रात में ही घरों को छोड़ कटराईं अपनों के शरण लेने पहुंच गए।  ऐसे में हर बार बाढ़ आने पर गांव के लोगों को वर्ष 1995 में आई बाढ़ का मंजर याद दिला देता है। उस दौरान भी लोगों को गांव खाली करना पड़ा था। कई दिनों तक लोगों को अपने घरों को साफ करने में लग गए। करोड़ों का नुकसान गांव में हुआ। वर्ष 1995 में आए बाढ़ के दौरान कई लोगों के आधे घर पानी में डूब गए, जो कि आज भी मछली फार्म का पानी बढ़ने पर उनके घरों में आसानी से निचली मंजिल में घुस जाता है। ऐसे में गांव के लोग अब बाढ़ और बादल फटने के नाम से दहशत में हैं। इस तरह की घटना घटित होने पर पतलीकूहलवासियों को कभी भी गांव छोड़ कर जाना पड़ जाता है। गत  बुधवार को बादल फटने से हुए नुकसान को लेकर अभी तक लोगों का गुस्सा भी यहां शांत नहीं हो पाया है। सोशल मीडिया में गांव के कुछ लोगों ने शुक्रवार को विरोध रैली निकालने का भी हवाला दिया है। गुस्साए ग्रामीणों का कहना है कि  आखिर कब तक लोगों को इस तरह के दशहत में जीना होगा। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह पक्की आरसीसी की दीवार नदी के किनारे पर लगाए, ताकि पतलीकूहल गांव को बाढ़ व बादल फटने जैसी घटनाओं के दौरान नुकसान न झेलना पड़े। गांव को बचाने के लिए गांव के सभी लोग एक साथ है, जहां पर गांव के स्थानीय लोगों ने मंत्री से भी इस संबध में बात की है कि गांव में हमेशा के लिए लोग इस दहशत से बाहर आ सके। उनकी मदद की जाए। ऐसे में 11 अगस्त को 17 मील में होने वाले जनमंच में पतलीकूहल गांव के लोग एक साथ मिलकर जाएंगे और मंत्री सहित जिला प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्या को साझा करेंगे, जहां पर आरसीसी की दीवार लगाने की गुहार की जाएगी। पतलीकूहल के स्थानीय निवासी व व्यापारी संजय अंगरुप की मानंे तो गांव के लोगों को आने वाले समय में बाढ़ जैसी घटनाओं से परेशान न होना पड़े। इसके लिए 11 को जनमंच में गांव के लोग अपनी हर समस्या से मंत्री सहित जिला प्रशासन को अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि पानी का भाव के आगे क्रेट वाल टिक नहीं पाती है। गांव के लोगों की मांग है कि आरसीसी की दीवार यहां पर दी जाए, ताकि प्रोटेक्शन पूरे गांव की हो सके। गौर रहे कि गांव के लोगों की अब एक ही मांग है कि बार बार गांव में हो रहे बाढ़ के कारण से नुकसान को लेकर अब आरसीसी की ही दीवार यहां नदी के किनारों पर दी जाए, ताकि गांव का बचाव हो सके।


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