नए निजी स्कूलों पर फीस की पुरानी शर्तें

शिमला – हिमाचल प्रदेश में देश व विदेशी कंपनियों द्वारा खोले जाने वाले नए प्राइवेट स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए भी वहीं नियम लागू होगा, जो वर्तमान में निजी संस्थानों के लिए है। खास बात यह है कि राज्य सरकार ने साफ किया है कि एमओयू के माध्यम से प्रदेश में जो कंपनियां नए प्राइवेट स्कूल खोलेंगी, उनकी फीस व अन्य फैसलों को सरकार ही रेगुलेट करेंगी। बता दें कि राज्य सरकार ने स्कूल, कालेज व स्किल एजुकेशन को लेकर 15 कंपनियों के साथ एमओयू साइन कर दिया है, पहले जहां केवल प्राइमरी, मिडल व सीनियर सेकेंडरी स्कूल खोलने की बात कही जा रही थी, तो वहीं अब शिक्षा के क्षेत्र में विकास के नए आयाम छूने के लिए तरह-तरह के शिक्षण संस्थान खोलने का दावा सरकार ने किया है। खास बात यह है कि प्रदेश में खोले जाने वाले नए प्राइवेट स्कूलों में गरीब छात्रों को 50 प्रतिशत दाखिले की सुविधा देने का भी आश्वासन प्राइवेट इंडस्ट्री की ओर से दिया गया है। फिलहाल सरकार ने प्राइवेट नए स्कूल खोलने के मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि  इन बड़े उद्योग जगत से जुड़े जो लोग हिमाचल में बड़े-बडे़ स्कूल खोलेंगे, उनकी एनओसी से लेकर पूरी सहायता की जाएगी। कहा जा रहा है कि वर्तमान फीस स्ट्रक्चर को लेकर हिमाचल में निजी स्कूलों के लिए जो पालिसी अपनाई जा रही है, वहीं नए स्कूलों पर भी लागू होगी। सरकार का दावा है कि इससे हिमाचल में जहां शिक्षा के स्तर पर सुधार होगा, वहीं हिमाचल के बच्चों को भी बड़े-बड़े स्कूलों में पढ़ाने के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार राज्य में खुलने वाले नए प्राइवेट स्कूल का हिमाचल के शिक्षा विभाग के साथ ज्यादा लिंक नहीं रहेगा। यह स्कूल एचपी बोर्ड से जुड़े नहीं होंगे, बल्कि यह सीबीएसई और आईसीएसई, एआईएसई बोर्ड से संबंधित होंगे। ऐसे में इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर इंटरनेशनल लेबल का होगा। बता दें कि शिक्षा विभाग ने छह कंपनियों के साथ केवल स्कूल खोलने को लेकर एमओयू साइन किया है।